लखनऊः भारतीय जनता पार्टी अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ‘मिशन 2019 ’ फतेह करने की रणनीति बना रही है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी महागठबंधन को विपक्ष का शिगूफा करार दिया है तो प्रधानमंत्री कार्यकर्ताओं को सिर्फ ‘भारत’ और ‘कमल’ याद रखने की नसीहत दे रहे हैं. इस सबके बीच सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भाजपा और उसकी सरकार की अदरूनी हकीकत सामने आ गई है. पार्टी की पूर्व प्रवक्ता और तेज तर्रार नेता डॉ. दीप्ति भारद्वाज ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ पर हमला बोला है. उनका अंदाज एक किस्म से योगी के खिलाफ बगावत है. जिसके जोर परखड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
दीप्ति भारद्वाज ने शिक्षा मित्रों के बहाने योगी सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं तो बिना नाम लिए सत्ता और सरकार में ठाकुर बिरादरी के लोगों के वर्चस्व के जरिए जातिवाद का आरोप अपनी ही सरकार पर जड़ा है. भारद्वाज का बयान इस लिए बहुत गंभीर है क्योंकि उन्होंने साफ कहा है कि अगर योगी की जगह उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सरकार का मुखिया बनाया गया होता तो पार्टी को जातियों की एक जुटता को लेकर इतना परेशान नहीं होना पड़ता. वह इसलिए क्योंकि मौर्य सबको साथ लेकर चलते हैं.
यहां बता दें कि, दीप्ति भारद्वाज इससे पहले भी योगी सरकार की कार्यप्रणली पर सवाल खड़े करके सीधा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को ट्वीट कर चुकीं हैं. वह केशव प्रसाद मौर्य कैम्प की सदस्य मानी जाती हैं. पिछले दिनों प्रदेश प्रवक्ता और पैनलिस्टों की सूची से उन्हें बाहर कर दिया गया था. इधर कुछ दिन से फेसबुक पर वह बागी किस्म के तेवर दिखा रहीं थी. अब कैमरे पर मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान देकर उन्होंने धमाका कर दिया है.