देहरादून: सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं में पाए जाने काली पारदर्शिता की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने नई योजना लागू की है. इस नई योजना के तहत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल में विद्यार्थियों को स्कूल से मिलने वाली ड्रेस के बजाय अब इसके पैसे सीधे खातों में डाले जाएंगे. बता दें की इससे पहले कक्षा एक से आठवीं तक के सभी छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली मुफ्त किताबों की जगह किताबों की मूल्य राशि डीबीटी के तहत उपलब्ध कराई जा रही है.
अब इस योजना को स्कूल ड्रेस के लिए भी लागू किया जा रहा है. इस योजना में प्रति लाभार्थी छात्र-छात्रा को दो स्कूल ड्रेस के लिए 600 रुपये दिए जाएंगे, जिसमें तकरीबन 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस संबंध में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि स्कूल ड्रेस की धनराशि सीधे छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में अब डाली जाएगी. इससे योजना का क्रियान्वयन पारदर्शिता के साथ होगा.
यह भी पढ़े: कानपुर: आभूषण की दुकान से हुई इतनी बड़ी चोरी, हर कोई हैरान
एक तरह से यह डिजिटल भारत की ओर सरकार का एक और कदम है. इससे पैसे के लेन-देन में पारदर्शिता रहे. बता दें कि राज्य में सरकारी व सहायता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे सभी छात्राओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मुफ्त स्कूल ड्रेस दी जाती है. करीब ढाई लाख छात्र- छात्राओं को इस सुविधा का लाभ मिलता है. अब ड्रेस वितरण के बजाय डीबीटी के तहत रकम सीधे छात्र-छात्राओं के बैंक में डालने का फैसला लिया गया है.