हाल ही में देहरादून के डोईवाला में नगरपालिका के चुनाव हुए. चुनाव के दौरान त्रिवेंद्र रावत ने डोईवाला को उत्ताराखंड की नंबर एक नगर पालिका बनाने का ऐलान किया था. लेकिन डोईवाला के लोगों ने मुख्यमंत्री के वादे पर भरोसा नहीं किया, जिसके कारण भाजपा प्रत्याशी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
इस हार के बाद से मुख्यमंत्री बैकफुट पर आ गए लेकिन मुख्यमंत्री के सामने समस्या तो तब खड़ी हुई जब शासन सत्र पर मंजूरी मिलने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हुआ तो ग्रामीणों नें खुद ही पुल का निर्माण कर डाला. ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के समय और आने जाने में भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बता दें की मुख्यमंत्री की विधानसभा सीट होने के बाद भी सरकारी सिस्टम नें लोगों की कोई मदद नहीं की. जिससे परेशान आकार ग्रामीणों ने मिलकर बुल्लावाला सत्तीवाला मार्ग की सुसवा नदी पर अस्थाई पुल का निर्माण कर दिया.
दरअसल पिछले कुछ सालों से ग्रामीणों द्वारा इस पुल के निर्माण की मांग की जा रही है. लेकिन पुल का निर्माण ना होने की वजह से मारखंग्रांट गांव के प्रधान परमिंदर सिंह ने गांव वालों के साथ मिलकर अस्थाई पुल का निर्माण किया. ग्राम प्रधान का कहना है कि डोईवाला जाने के लिए गांव के लोगों कुड़कावाला से होकर जाना पड़ता है, जिससे उन्हें तकरीबन 4 किलोमीटर अधिक चलना पड़ता है. वहीं किसान ओमप्रकाश का कहना है कि पुल ना होने की वजह से किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ओम प्रकाश ने कहा की अच्छे कार्यों के लिए समाज के हर व्यक्ति को आगे आने चाहिए.
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