मुंबई में फैला जहरीली हवाओं का प्रकोप, खुले में सांस लेना 1,000 सिगरेट पीने के बराबर

देश की राजधानी दिल्ली और इससे सटे इलाके प्रदूषण की वजह से सुर्खियों में बने हुए हैं, जबकि आर्थिक राजधानी मुंबई भी प्रदूषण से अछूता नहीं है। मायानगरी मुंबई में स्थितियां इतनी खराब हैं कि रविवार को न केवल यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक था, बल्कि एक अस्पताल को सांस से जुटी परेशानियों के मरीजों की देखभाल के लिए एक स्पेशल आईसीयू यूनिट बनाना पड़ा। हालांकि मुंबई समुद्र के किनारे बसे होने और तीन तरफ से पानी से घिरे होने की वजह से यहां की ज्यादातर प्रदूषित हवाएं उड़ जाती हैं।

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल मुंबई के परेल में ग्लोबल हॉस्पिटल्स ने सांस से जुड़ी समस्याओं वाले रोगियों के बचाव के लिए एक स्पेशल आईसीयू यूनिट वार्ड बनाया है। हास्पिटल ने एनडीटीवी को बताया कि बीते 6 महीनों में सांस के रोगियों के संख्या दो गुनी हुई है। इसके अलावा उन्होंने सरकार से अधिकृत एक तटीय रोड़ निर्माण प्रोजेक्ट का भी दौरा किया, जहां उन्होंने पाया कि प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से बनाये गए अपने ही नियमों की मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ही धज्जियां उड़ा रहा है।

गौरतलब है कि ग्लोबल हॉस्पिटल्स के क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंटर के डायरेक्टर डॉ. प्रशांत बोराडे ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘इस प्रदूषित हवा में सांस लेना कम समय में 1000 सिगरेट पीने के बराबर है। दिवाली के बाद यह और भी खराब होने वाला है।’उन्होंने आगे कहा कि उन्हें युवा मरीजों में भी ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। कई गंभीर मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा है।

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