नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) सभी विमानन कंपनियों के लिए रेडियो ऑल्टीमीटर (RA) अनिवार्य तौर पर बदलने के निर्देश जारी करने जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि देश में हवाई अड्डों के निकट 5जी बेस स्टेशन स्थापित किया जा सके.
नवंबर 2022 में दूरसंचार विभाग ने प्रमुख ऑपरेटर्स जैसे एयरटेल, जियो, वोडाफोन आइडिया को निर्देश दिया था कि वे भारतीय हवाई अड्डों के समीप विशेष क्षेत्रों में सी-बैंड यानी 3,300 मेगाहर्ट्ज से 3,670 मेगाहर्ट्ज बैंड की रेडियो तरंग वाले इलाके में 5जी बेस स्टेशन स्थापित न करें. इन विशेष क्षेत्रों को रनवे के दोनों छोर से 2,100 मीटर और रनवे के मध्य से 910 मीटर के दायरे में रखा गया था. ऐसा इसलिए किया गया ताकि 5जी रेडियो तरंगों के कारण विमानों के रेडियो ऑल्टीमीटर के सिग्नल प्रभावित न हों.
बता दें कि रेडियो ऑल्टीमीटर विमान और जमीन के बीच की दूरी को मापता है ताकि विमानों को सुरक्षित टेकऑफ और लैंड कराया जा सके. नवंबर 2022 में दूरसंचार विभाग ने आदेश दिया कि उपरोक्त क्षेत्र के 540 मीटर परिधि में भी 5जी बेस स्टेशनों को भी 3,300 से 3,670 मेगाहर्ट्ज के दायरे में अपनी पॉवर को 58 डेसिबल मिलीवॉट तक सीमित रखना होगा. अधिकारियों ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने ऑपरेटरों से कहा था कि यह प्रतिबंध सभी विमानों में रेडियो ऑल्टीमीटर को बदले जाने तक लागू रहेगा.
अधिकारियों ने कहा कि 1 महीने बाद DGCA ने सभी विमानन कंपनियों को रेडियो ऑल्टीमीटर बदलने के लिए विनिर्माताओं का सहयोग करने का निर्देश दिया था. इसके बाद विमान बनाने वाली प्रमुख कंपनियों बोइंग और एयरबस के साथ कई दौर की बैठकें हुईं. मामले की जानकारी के लिए बोइंग, एयरबस, दूरसंचार विभाग, डीजीसीए को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया.