बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। उन्होंने अब महाराष्ट्र समेत देशभर में पूजे जाने वाले शिरडी के साईंबाबा को लेकर विवादित टिप्पणी की है।मध्य प्रदेश के जबलपुर के पनागर में श्रीमद्भागवत कथा के आखिरी दिन जब साईंबाबा की वैदिक तरीके से पूजा करने को लेकर सवाल पूछा गया तो पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब देते हुए कहा, ‘गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता है।‘
बागेश्वर बाबा ने कहा, हमारे शंकराचार्य ने साईंबाबा को भगवान का स्थान नहीं दिया है। शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री हैं, उनकी आज्ञा का पालन करना प्रत्येक सनातनी हिंदू का कर्तव्य है। उन्होंने कहा, कोई भी संत चाहे गोस्वामी तुलसीदास जी हो या सूरदास जी हों, ये संत हैं, महापुरुष हैं, युग पुरुष हैं, कल्प पुरुष हैं, लेकिन भगवान नहीं। कई लोगों की साईंबाबा में आस्था होगी। मैं उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। लेकिन साईंबाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं। उन्होंने आगे कहा कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। उनके इस बयान से अब नया विवाद खड़ा हो गया है।
महाराष्ट्र में साईं बाबा के भक्तों की संख्या बहुत अधिक है। ऐसे में बागेश्वर बाबा के बयान से साईं भक्तों में रोष है। इस बयान पर शिरडी समेत पूरे राज्य से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बागेश्वर बाबा के बयान की राजनीतिक नेताओं ने भी कड़ी आलोचना की है। शिरडी के ग्रामीणों और साईं भक्तों ने धीरेंद्र शास्त्री से माफी मांगने की मांग की है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान के बाद बीजेपी नेता राधाकृष्ण विखे पाटील और एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने निंदा की है। शिरडी के ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए धीरेंद्र शास्त्री को करारा जवाब दिया है। शिरडी के ग्रामीणों का कहना है कि एक खास विचारधारा के लोग हमेशा साईंबाबा के बारे में इस तरह के बयान देते हैं। साईंबाबा भगवान हैं या नहीं, इसके लिए धीरेंद्र शास्त्री के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। धीरेंद्र शास्त्री को एक बार साईंबाबा के दर्शन करने के लिए शिरडी आना चाहिए और फिर उनका दिमाग ठिकाने आ जाएगा।