छह राज्य…2700 किलोमीटर की यात्रा कर अपने बेटे से मिलने पहुंची मां…किस्सा सुनकर दंग रह जाएंगे

कोट्टायम/तिरुवनंतपुरम। कोरोना की जंग ने अपनों को अपनों से दूर कर दिया। इस महामारी की वजह से देश को मजबूरन तालाबंदी (Lockdown) करनी पड़ी। लॉकडाउन की वजह से सीमाएं बंद हो सकती हैं, लेकिन वो कहते हैं न मां का दिल मां का होता है। वो अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है। लॉकडाउन के दौरान ऐसी ही एक घटना देखने को मिली केरल में। जहां 50 वर्षीय एक मां अपने बीमार बेटे से मिलने के लिए कार से 2,700 किलोमीटर की यात्रा करके राजस्थान पहुंच गई।

इस मां का बेटा बीएसएफ जवान है, जो बीमार चल रहा है और उनकी हालत नाजुक थी। जानकारी के मुताबिक, बीएसएफ जवान की मां ने अपने बहू और एक रिश्तेदार के साथ कार से यात्रा पर निकली और तीन दिन में केरल से राजस्थान पहुंच गई। 50 वर्षीय इस मां का नाम शीलम्मा वासन है, जिन्होंने बताया कि उनका 29 वर्षीय बेटा अरूण कुमार मांसपेशियों के ऊतक के सूजन मायोसिटीस से पीड़ित है, जिसकी हालत अब सुधर रही है। उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी कृपा से हम यहां बिना किसी परेशानी के पहुंच गए।

अरूण कुमार के हालत के संबंध में उनके परिवार को जानकारी एम्स जोधपुर के एक मलयाली डॉक्टर ने दी। जिसके बाद अरुण की मां ने अपनी बहू और रिश्तेदार के साथ कार से ये यात्रा शुरू की। वो तमिलनाडु,  कर्नाटक,  महाराष्ट्र और गुजरात से होते हुए तीन दिन में राजस्थान पहुंचे।

यात्रा के लिये बनवाया पास

ऐसा नहीं है कि लॉकडाउन में आप भी कार से कहीं भी निकल सकते हैं। बता दें कि शीलम्मा वासन को इस यात्रा के लिए पास मिला था। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन के कार्यालय, कांग्रेस नेता ओमान चांडी की मदद से उन्हें इस यात्रा के लिए पास मिला। जिस वजह से उन्होंने ये यात्रा पूरी की। वहीं, विश्व हिंदू परिषद के स्वयंसेवकों ने भी इस परिवार की मदद की और उन्हें दो टैक्सी चालक मुफ्त में मुहैया कराए, ताकि वो जोधपुर पहुंच सकें।

कोट्टायम जिला कलक्टर पी के सुधीर बाबू ने भी बताया कि इस यात्रा के लिए सीलम्मा, उनकी बहू पार्वतायंड और रिश्तेदार को पास मुहैया कराया गया था।

उन्होंने बताया कि इस परिवार ने 11 अप्रैल को कोट्टायम से पंनाकाचिरा गांव से यात्रा शुरू की और 14 अप्रैल को जोधपुर पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक, फरवरी में बीएसएफ जवान अपने गांव आया था और फिर वापस ड्यूटी पर लौट गया, जहां वो बीमार पड़ गया। बीमार जवान ने अपनी मां और पत्नी से मिलने की इच्छा जताई थी। जवान का एक साल का बच्चा भी है, जो कि केरल में है।

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