नई दिल्ली: चुनाव आयोग चुनावों में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन रोकने तथा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए कई प्रौद्योगिकी एप्लीकेशंस का सहारा लेगा. चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में सूचित करने के लिए लोगों के एंड्रॉएड फोन में ‘सी-विजिल’ एप विकसित किया है.
चुनाव आयोग ने एक जारी विज्ञप्ति में कहा, “आचार संहिता उल्लघन की सूचना देर से मिलने से अब तक दोषी सजा से बचते आए हैं. इसके अतिरिक्त तस्वीरें या वीडियो जैसे साक्ष्यों की कमी के चलते शिकायतों की पुष्टि करने में परेशानी होती है.”
विज्ञप्ति में कहा गया है कि ज्यादातर शिकायतें गलत होती हैं. चुनाव आयोग ने कहा, “‘सी-विजिल’ एप से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों का अंतर भरने की उम्मीद है, जिससे त्वरित शिकायत स्वीकृति कर उनका निवारण किया जा सके.”
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कोई भी व्यक्ति इस एप का उपयोग कर मिनटों में आचार संहिता के उल्लंघन की सजीव रिपोर्ट भेज सकेगा.पंजीकृत रिपोर्ट के मामले में इससे संबंधित व्यक्ति के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या जारी होगी, जिससे वह अपने मामले की वर्तमान स्थिति का पता लगा सके. अज्ञात शिकायतों को कोई विशिष्ट पहचान संख्या आवंटित नहीं की जाएगी.
‘सी-विजिल’ तंत्र में एक बार शिकायत स्वीकृत होने पर वह जिला नियंत्रण कक्ष में सूचित कर देगा, जो सचल दस्ते को कार्रवाई का निर्देश देगा.
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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव आयोग वहां राष्ट्रीय शिकायत सेवा, इंटीग्रेटेड कॉन्टैक्ट सेंटर, सुविधा, सुगम, इलैक्शन मॉनीटरिंग डैशबोर्ड और वन वे इलैक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट जैसे एप्स का उपयोग भी करेगा.
चुनाव आयोग ने कहा कि ‘सुविधा’ एक सिंगल विंडो सिस्टम है, जो चुनाव संबंधी अनुमति या मंजूरी 24 घंटों के अंदर प्रदान करता है. उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टी इस तंत्र के माध्यम से जनसभाओं, बैठकों, जुलूसों, गाड़ियों, अस्थाई चुनाव कार्यालय स्थापित करने और एक स्थान पर लाउडस्पीकर लगाने संबंधित अनुमति ले सकते हैं.