उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओँ को दीपावली से पहले ईंधन अधिभार शुल्क का करंट लग सकता है। क्योंकि पावर कॉरपोरेशन के शुल्क लगाने के प्रस्ताव पर नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं से आपत्ति मांगी है। उन्हें तीन सप्ताह का समय दिया है। ऐसे में उपभोक्ताओं को 28 पैसे से एक रुपये प्रति यूनिट तक अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। इसे अक्तूबर से लागू किया जा सकता है।
बिजली कंपनियों की तरफ से पावर कारपोरेशन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही जनवरी से मार्च के ईंधन अधिभार शुल्क उपभोक्ताओं से लिए जाने का प्रस्ताव दाखिल किया है। बिजली कंपनियों के हक में फैसला गया तो अक्तूबर से दिसंबर तक तीन माह बिजली महंगी हो जाएगी।
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रस्ताव पर कार्यवाही का विरोध करते हुए कहा कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं की सरप्लस धनराशि 33122 करोड़ है, बिजली दरें कम करने पर सुनवाई होनी चाहिए। वहीं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने भी कहा था कि बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी ऐसे में अधिमार शुल्क का औचित्य नहीं बनता।
श्रेणीवार उपभोक्ता | प्रस्तावित ईंधन अधिभार बढ़ोतरी |
घरेलू बीपीएल | 28 पैसे प्रति यूनिट |
घरेलू सामान्य | 44 से 56 पैसे प्रति यूनिट |
व्यावसायिक | 49 से 87 पैसे प्रति यूनिट |
किसान | 19 से 52 पैसे प्रति यूनिट |
नान इंडस्ट्रील बल्क लोड | 76 पैसे से 1.09 रुपये प्रति यूनिट |
भारी उद्योग | 54 से 64 पैसे प्रति यूनिट |