भारत के इस शहर में बना हाथियों के लिए पहला अस्पताल, ये हैं खूबियां
उत्तर प्रदेश के आगरा में भारत का पहला हाथियों का अस्पताल खुला है. आगरा में खुले इस पहले अस्पताल का उद्घाटन मथुरा जनपद में आगरा के कमिश्नर अनिल कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि अब आगरा को ताजमहल के अलावा प्रसिद्धी के लिए एक और कारण मिल गया है. वही मंडलायुक्त ने कहा कि इस अस्पताल में प्राकृतिक माहौल में अत्याधुनिक तरीके से बीमार हाथियों का इलाज किया जाएगा. यहां बीमार हाथियों की देखभाल और इलाज के लिए आधा दर्जन पशु विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे. चलिए अब जानते हैं इस अस्पताल के बारे में खास बातें.
इन्होंने बनाया अस्पताल
आगरा में बने इस हाथियों के अस्पताल को वाइल्डलाफ एसओएस नाम की संस्था ने बनाया है. वहीं ये संस्था मथुरा में पहले से ही हाथियों के लिए एक आश्रय एवं पुनर्वास गृह का संचालन कर रही है. इस जगह पर देश भर से रेस्क्यू किए गए हाथियों को रखा जाता है. यहां इस समय 20 हाथी रहते हैं. संस्था के सीईओ कार्तिक सत्यनारायण का कहना है कि ‘ये एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. इस अस्पताल से हम परेशानी में और घायल हाथियों का बेहतर इलाज कर सकते हैं. इससे हमें हाथियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी.’
क्या है भारत में हाथियों की स्थिति
भारत में हाथियों की संख्या पर बात करें तो देश में 3 हजार हाथी निजी लोगों के पास, जिनमें से कुछ सर्कस में और बाकी अन्य जगहों पर हैं. वहीं 2017 के सेंसस के अनुसार भारत के जंगलों में 27,312 हाथी हैं जबकि 2012 के सेंसस के अनुसार भारत में 29,391 से 30,711 के बीच हाथी हैं. ऐसे में इस अस्पताल का लाभ ये सब उठा पाएंगे.
इन सुविधाओं से लैस है ये अस्पताल
हाथियों के लिया बनाया गया ये अस्पताल 12 हजार वर्ग फीट के एरिया में फैला है. पूरा अस्पताल 24 घंटे कैमरों की निगरानी में है. यहां घायल हाथियों के लिए वायरलेस डिजिटल एक्सरे, लेजर ट्रीटमेंट, थर्मल इमेजिंग, हाइड्रोथेरेपी, अल्ट्रासोनोग्राफी जैसी कई सुविधाएं मौजूद हैं. वहीं हाथियों को बेहोश करने के लिए भी अलग तरह की बंदूक हैं और अकेले में हाथी को रखने की पूरी सुविधा है.