मुंबई के कामगार अस्पताल में 17 दिसंबर को आग लगी थी. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई थी. मरने वालों में 2 शिशु भी थे. सरकार ने मरने वालों को 10 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया था.
अब इस आग में झुलस कर मरने वाली बच्ची के घरवालों को अस्पताल ने मरने वालों का मुआवजा नहीं दिया है. बल्कि अस्पताल ने उन्हें घायलों का मुआवजा दिया है. इसके पीछे अस्पताल ने तर्क दिया कि क्योंकि बच्ची का जन्म समय से पहले हुआ था और वो वैसे भी मरने वाली थी. तो उसे घायलों का मुआवजा दिया गया है.
अस्पताल प्रशासन की तरफ से बच्ची के घरवालों को पहले दो लाख का एक चेक दिया गया. उसके कुछ देर बाद उन्हें दो लाख का एक और चेक दिया गया. आपको बता दें, महिला ने जो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. जिसमें एक लड़का और एक लड़की थी. अभी लड़का अस्पताल में भर्ती है. जबकि उनकी लड़की ने अस्पताल में आग लगने के चार दिन बाद दम तोड़ दिया था.
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वहीं इस मामले में 27 साल की महिला के पति का कहना है कि जैसे ही उन्हें चेक दिया गया. उन्होंने गलती पकड़ ली. जिसके बाद उन्हें अधिकारियों ने कहा कि जो पैसा मिल रहा है उसे रख लो बाद में मामला उठाना. इस पूरे मामले पर अधिकारियों का कहना है कि “उसकी हालत पैदा होने के बाद से ही गंभीर बनी हुई थी. तो ऐसा माना जा सकता है कि उसकी मौत प्राकृतिक थी.”
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वहीं जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली महिला ने बताया कि, वह लड़की पैदा हुई थी तो उसका वजन 800 ग्राम था. जन्म के तीन दिन बाद उसका वजन और भी कम हो गया था. साथ ही महिला ने बताया कि,”डॉक्टरों ने कहा था कि आजकल 500-600 किग्रा वाले बच्चे भी अच्छी एनआईसीयू केयर के साथ जीवित रह सकते हैं.” महिला ने कहा कि,”आग लगने के बाद बच्ची को 45-60 मिनट तक बिना वेंटीलेटर के रखा गया. बाद में उसे एंबुलेंस में ऑक्सीजन मिला और अस्पताल की आग से उसे काफी नुकसान पहुंचा.” इलाज के दौरान अस्पताल में बच्ची की मौत हो गई.
ESIC kamgar hospital Denied to give full compensation to mumbai fire incident victim parents