नई दिल्ली: पुलवामा हमले के जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ भारत को फ्रांस का साथ मिला है. फ्रांस ने भारत की बड़ी कूटनीतिक मदद करते हुए मसूद पर बैन के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN) में पेश करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही पाक को फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की मीटिंग में ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की मांग करेगा.
फ्रांस के अलावा इस प्रस्ताव को अमेरिका और ब्रिटेन ने समर्थन देने का फैसला किया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के राजनयिक सलाहकार फिलिपे एटियन ने इस बाबात मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से बात की।
फ्रांस के एक कूटनीतिक सूत्र ने चीन की ओर इशारा करते हुए बताया, ‘हमें यह लगता है कि एक देश की ओर से इसे ब्लॉक करने का प्रयास किया जा सकता है। लेकिन हमें लगता है कि आतंकी संगठन के लीडर को बैन करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।’
आपको बता दें कि यह दूसरा मौका होगा जब फ्रांस किसी ऐसे प्रपोजल को यूएन के सामने पेश करने वाला है. इससे पहले 2017 में अमेरिका ने यूके और फ्रांस के समर्थन से यूएन के सैंक्शन कमिटी 1267 के तहत पाकिस्तानी आतंकी संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग की थी. हालांकि उस प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया था.
पाक पर कूटनीतिक वार करने के साथ ही फ्रांस ने भारत का साथ देते हुए उसकी इकॉनमी पर भी चोट पहुंचाने की तैयारी की है. फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स की इस सप्ताह होने वाली सालाना मीटिंग में फ्रांस पाक को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की मांग करेगा.