भगौड़ा नीरव मोदी को हिंदुस्तान लाने का रास्ता अब साफ होता दिखाई दे रहा है। ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने बुधवार यानी बीते कल नीरव द्वारा दाखिल उस आवेदन को रद्द कर दिया है जिसमें उसने अपने सरेंडर पर रोक लगाने की मांग की थी। अदालत ने अपने आर्डर में साफ करते हुए कहा कि याची का सरेंडर किसी भी बिंदु से अन्यायपूर्ण या दमनकारी नहीं होगा। इस निर्णय के पश्चात भारतीय एजेंसियां एक्टिव हो गई हैं। अब जल्द ही नीरव मोदी के हिंदुस्तान लाए जाने की संभावना बढ़ गई है।
इससे पूर्व इस केस में न्यायमूर्ति रॉबर्ट जे ने कहा था कि इंडिया के ब्रिटेन के साथ बेहतर संबंध हैं और उन्हें 1992 India-UK Extradition Treaty का सम्मान करना आवश्यक है। अदालत ने अपने आर्डर में कहा था कि सुसाइड का खतरा बताना सरेंडर के विरुद्ध आधार नहीं बन सकता है।
अदालत में नीरव मोदी के एडवोकेट ने दलील रखी थी कि याची डिप्रेशन का शिकार है और इंडिया के जेल में जैसी स्थिति है वहां पर वो आत्महत्या भी कर सकता है। इंडियन गवर्मेंट की ओर से पेश एडवोकेट ने कहा था कि ये काफी संवेदनशील और हाई प्रोफाइल केस है। ऐसे में नीरव मोदी का पूरा ख्याल रखा जाएगा।