इमरान खान ने पाकिस्तान की ‘कप्तानी’ संभाल ली है. 65 वर्षीय इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की है. सुनील गावस्कर आज भले ही इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा न बन सके, लेकिन उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा खुलासा किया है. जी हां गावस्कर ने जीवन का सबसे बड़ा डिसीजन इमरान के कहने पर टाल दिया था. द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक यह घटना सन् 1986 की है. जब गावस्कर इमरान खान संग लंदन के एक रेस्तरां में खाना खा रहे थे. सुनील गावस्कर ने इस दौरान इमरान खान से कहा कि, इंग्लैंड में भारत दौरे के आखिरी टेस्ट मैच से पहले वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर देंगे.
सुनील गावस्कर ने खुलासा किया कि उनके द्वारा किए गए संन्यास की घोषणा के फैसले पर उस समय इमरान खान ने कहा, ‘अगले साल पाकिस्तान की टीम भारत के दौरे पर आने वाली है. मैं भारतीय टीम को भारत में हराना चाहता हूं. अगर आप ही इस मुकाबले में नहीं रहेंगे तो मजा नहीं आएगा. एक बार फिर मैदान पर उतरते हैं और एक-दूसरे का सामना करते हैं.’
गावस्कर ने आगे बताया कि, ‘इमरान की बात मानकर मैंने संन्यास के फैसले को टाल दिया और कोई घोषणा नहीं की. इसके बाद पाकिस्तानी टीम भारत आई. शुरुआती मुकाबले बिना किसी नतीजे के छूटे लेकिन आखिरी मैच में इमरान खान को जीत मिली और पाकिस्तान ने वह सीरीज अपने नाम कर ली.’
आखिरकार यह सीरीज समाप्त हुई, जिसके बाद भी गावस्कर ने अपने संन्यास की घोषणा नहीं की, वह इसलिए क्योंकि एमसीसी के 200 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर टेस्ट मैच आयोजित होने वाला था जिसको गावस्कर खेलना चाहते थे. गावस्कर ने अपनी इस इच्छा को भी पूरा किया. प्रथम श्रेणी के उस टेस्ट मैच में गावस्कर और इमरान खान विश्व एकादश की टीम की तरफ से एमसीसी के खिलाफ उतरे. उस मैच में क्रिकेट के इन दो महान खिलाड़ियों के बीच 180 रनों की साझेदारी हुई थी. गावस्कर ने 188 जड़े तो वहीं इमरान 82 रन बनाने में कामयाब रहे.
उस समय की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि, उस मैच में इन दोनों बल्लेबाजों के विकेट भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा प्रमुख कोच रवि शास्त्री ने झटके थे.