गर्मी आ गई है, पेट से संबंधित बीमारियां सामान्यतया इस मौसम में ज्यादा रहती है. गर्मी में होने वाली बीमारी को आसानी से काबू में पाया जा सकता है यदि हम थोड़ा ध्यान दें तो. हमारे घरेलू नुस्खे ही बहुत हदतक कारगर है. आज हम बात कर रहे हैं सत्तु की. सत्तु पेट से संबंधित बीमारी जैसे अपच, लिवर और भी कई सारी समस्याओं से निजात दिलाता है. जौ और चने से बना सत्तू कफ, पित्त, थकावट, भूख, प्यास और आंखों से जुड़ी बीमारी में बेहद लाभदायक होता है. डॉक्टरों तो इसे पेट के रोगों के लिए रामबाण इलाज मानते हैं.
मोटापे का दुश्मन सत्तू–
आपको सुनकर हैरानी हो सकती है कि एक सम्पूर्ण आहार के लिए जरूरी सभी तत्व सत्तू में पाए जाते हैं. सत्तू को खाने या पीने से लम्बे समय तक व्यक्ति को भूख नहीं लगती है. जो वजन कम करने में व्यक्ति की मदद करता है.
सत्तू से मिलती है एनर्जी-
चने के सत्तू में मिनरल्स, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पाया जाता है जो आपके शरीर की थकान मिटाकर आपको इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करता है.
पेट को ठंडा रखकर लू से बचाता है–
सत्तू की तासीर ठंडी होने की वजह से गर्मियों में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है. यह पेट को ठंडा रखने में भी मदद करता है जिसकी वजह से व्यक्ति को लू नहीं लगती है. सत्तू शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है, जिससे पेट संबंधी कई बीमारियों से बचाव होता है.
एनीमिया से रखें दूर सत्तू–
शरीर में खून की कमी होने पर व्यक्ति एनीमिया से पीड़ित होता है.ऐसा होने पर रोजाना पानी में सत्तू मिलाकर पीने से काफी लाभ मिलता है.
डायबिटीज की समस्या –
सत्तू में मौजूद बीटा-ग्लूकेन शरीर में बढ़ते ग्लूकोस के अवशोषण को कम करके ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित रखते हैं. सत्तू का सेवन रोजाना करने से मधुमेह रोगी डायबिटीज को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है. ध्यान रखें इस रोग से पीड़ित लोगों को चीनी वाले सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए.
सत्तू सेवन के ये होते हैं नुकसान–
-चने के सत्तू का ज्यादा सेवन करने से पेट में गैस पैदा होती है. ध्यान रखें आहार में इसका ज्यादा सेवन न करें.
-मधुमेह के रोगियों के लिए सत्तू एक तरफ जहां वरदान है वहीं पथरी के रोगियों को इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
-चना कोढ़ के रोग में वृद्धि करता है, इसलिए कोढ़ से पीड़ित व्यक्ति को चने के सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए.
-बारिश के मौसम में चने के सत्तू का सेवन करने से बचना चाहिए.
-सत्तू को खाते समय ध्यान रखें बीच में पानी नहीं पीना चाहिए . इसके अलावा दिन में एक या दो बार से अधिक सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए.