राजसत्ता एक्सप्रेस। आपकी बचपन की साथी एटलस साइकिल अब सिर्फ यादों में जिंदा रहेगी, क्योंकिआर्थिक तंगी के चलते मशहूर साइकिल कंपनी एटलस (Atlas) ने कारखाना चलाने में असमर्थता जताई है। कंपनी का कहना है कि उनके पास कारखाना चलाने के लिए कोई पैसा नहीं बचा है। कंपनी ने फैक्ट्री बंद होने के बाद वर्करों को ले-ऑफ की सूचना भी दे दी है। विश्व साइकिल दिवस पर ही आर्थिक संकट के चलते भारतीय कंपनी एटलस साइकिल्स (हरियाणा) लिमिटेड
बंद हो गई है।
आर्थिक संकट से जूझ रही एटलस
कंपनी ने उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद का कारखाना चलाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। वर्कर्स को भेजे गए नोटिस में कारखाने के प्रबंधक ने लिखा है कि कारखाना चलाने के लिए अब मालिकों के पास रकम नहीं हैं, इसलिए वर्कर्स ले ऑफ लें। नोटिस में कहा गया कि पिछले कई वर्षों से कंपनी भारी आर्थिक संकट से जूझ रही है। कंपनी के सभी फंड भी खर्च हो चुके हैं। अब स्थिति ये हो गई है कि कंपनी के पास कोई भी आय का श्रोत नहीं बचा है। यहां तक कि अब कंपनी के पास दैनिक खर्चों के लिए भी पैसा नहीं है।
कर्मचारियों का विरोध
वहीं, लॉकडाउन में साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-4 की एटलस कंपनी ने उत्पादन ना होने से आर्थिक संकट के चलते अपने सैकड़ों कर्मियों को ले-ऑफ कर दिया। जिसका कर्मचारियों ने विरोध किया है। कर्मचारियों ने कंपनी के गेट पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी एकत्र लोगों को हल्ला बल प्रयोग कर तितर-बितर किया।
खतरे में कर्मचारियों की नौकरी
साहिबाबाद स्थित एटलस के कारखाने के बंद होने के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। एक कर्मचारी ने बताया कि कारखाना बंद होने से करीब 450 कर्मचारीके रोजगार सीधे तौर पर प्रभावित होगा। वहीं, अस्थाई तौर पर प्रभावित लोगों को अगर मिला लिया जाए, तो फैक्ट्री बंद होने से 700 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ जाएगा।
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