भारत सरकार 12 कंपनियों के जरिए वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश कर रही है: नितिन गडकरी

10 कंपनियों को वैक्सीन का लाइसेंस देने वाले बयान पर नितिन गडकरी ने दी सफाई, जानिए क्या कहा

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कल सुझाव देते हुए कहा था कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एक की जगह 10 कंपनियों को लाइसेंस दे और उनसे रॉयल्टी भी ले. आज नितिन गडकरी ने अपने इस बयान पर ट्वीट कर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं कि सरकार इस दिशा में पहले से ही काम कर रही है.

नितिन गडकरी ने कहा, “मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि सरकार इस दिशा में पहले से ही काम कर रही है. मुझे ये जानकारी दी गई है कि भारत सरकार 12 कंपनियों के जरिए वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश कर रही है. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप निकट भविष्य में वैक्सीन उत्पादन में तेजी से वृद्धि की उम्मीद है. मैं खुश हूं और सही दिशा में कदम उठाने के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं. मैं इसे रिकॉर्ड में रखना महत्वपूर्ण समझता हूं.”

मंगलवार को यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में आग्रह करेंगे कि देश में जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए और दवा कंपनियों को मंजूरी देने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए. इसमें दवा के पेटेंट धारक को अन्य दवा कंपनियों द्वारा 10 फीसदी रॉयल्टी देने की व्यवस्था की जानी चाहिए. एक कंपनी के बजाय 10 और कंपनियों को टीके का उत्पादन करने में लगाया जाना चाहिए. इसके लिए टीके के मूल पेंटेंट धारक कंपनी को दूसरी कंपनियों द्वारा दस प्रतिशत रॉयल्टी का भुगतान किया जाना चाहिए.

दूसरी कंपनियों को वैक्सीन बनाने का लाइसेंस देने के सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने श्रेय लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘गडकरी जी वही कह रहे हैं जो डॉ मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी जी लगभग 25 दिन पहले कह चुके हैं. लेकिन दुर्भाग्य ये है कि बीजेपी में मोदी और अमित शाह जी के अलावा किसी की आवाज सुनी नहीं जाती. तो गडकरी जी ने मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की बात को दोहराया है. राहुल गांधी जी की बात को दोहराया. लेकिन नरेंद्र मोदी जी कोई भी अच्छी सलाह मानने को तैयार नहीं हैं.’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा था कि केंद्र को टीका बनाने वाली दोनों कंपनियों का फार्मूला अन्य सक्षम दवा विनिर्माता कंपनियों को देना चाहिए ताकि टीके का उत्पादन बढ़ाया जा सके.

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