Gyanvapi case: ज्ञानवापी केस में सुनवाई टल गई है. सर्वेक्षण में प्राप्त कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग के मसले पर यह निर्णय आने वाला था लेकिन अदालत ने निर्णय की अगली डेट 11 अक्टूबर निर्धारित की है. गौरतलब है कि इस केस में वृहस्पतिवार 29 सितंबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है. जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने निर्णय के लिए आज की डेट निर्धारित की थी. इस केस की सुनवाई के दौरान वादी राखी सिंह के अधिवक्ता ने कार्बन डेटिंग न कराए जाने की अपील की थी, जबकि चार अन्य वादियों के एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कार्बन डेटिंग या किसी अन्य प्रकार की साइंटिफिक जांच करवाकर कथित शिवलिंग की प्राचीनता मालूम करने की गुहार लगाई थी
Court asked us to clarify on two points whether the structure found inside #GyanvapiMasjid is part of this suit property or not? Second, can the court issue a commission for scientific inquiry? We have submitted our reply: Adv Vishnu Jain, representing the side in Gyanvapi case pic.twitter.com/b71zHVjdJ5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 7, 2022
कोर्ट आज इस केस में अपना निर्णय सुना सकती है कि कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच होनी चाहिए या नहीं. गौरतलब है कि 16 मई को अदालत कमीशन की कार्यवाही में प्राप्त शिवलिंग जैसी आकृतिनुमा वस्तु की कार्बन डेटिंग की अपील वादी संख्या दो से पांच तक की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरिशंकर जैन और विष्णु जैन ने रखी थी. उन्होंने कहा, ‘हमने आकृतिनुमा वस्तु के नीचे अरघे और आसपास की जांच मांग की है. हम भी नहीं चाहेंगे कि शिवलिंग में कोई बदलाव हो, लेकिन जांच से यह पता चलेगा कि शिवलिंग कितना प्राचीन, लंबा, ऊंचा और गहरा है.’
हालांकि, इस पर वादी संख्या-एक राखी सिंह के अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी ने कार्बन डेटिंग से अपने अस्तित्व पर प्रश्न खड़े करने की बात कही थी. उनका कहना था कि कार्यवाही से शिवलिंग के खंडित होने का संभावना है. उन्होंने कहा, ‘जांच के लिए कथित शिवलिंग को हटाना पड़ सकता है और इसे मुस्लिम पक्ष दोबारा लगाने नहीं देगा. हिंदू धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है. जांच का आवेदन मुस्लिम पक्ष को देना चाहिए. हमारी तरफ से आवेदन देने पर अपने अस्तित्व पर सवाल खड़ा हो रहा है और हम इसका विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर कोई भ्रम नहीं है, यह चीज शिवलिंग ही है.’
We said that it is part of our suit property and by virtue of Order 26 Rule 10A of CPC, the Court has power to direct scientific investigation. Muslim side has sought some time to reply. The matter will now be heard on October 11: Adv Vishnu Jain, representing the Hindu side pic.twitter.com/BndXQpjeTK
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 7, 2022