आप जब मेडिकल स्टोर से दवाई लेने जाते हैं तो कभी आपने नोटिस किया होगा कि दवाई के कुछ पैकेटों पर लाल रंग की पट्टी या लाइन खिंची होती है. यह लाल रंग की लाइन दवाई के पैकेट को सजाने के लिए नहीं होती बल्कि इसके कुछ मायने होते हैं.
अगर आपने कोई दवाई का पैकेट खरीदा है और उस पर लाल रंग की धारी है तो आपको थोड़ा संभलने की जरूरत है. इन लाल की पट्टी वाले पैकेट की दवाई को डॉक्टर के बिना नुस्खे के खाना आपके लिए हानिकारक हो सकता है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने लाल रंग की पट्टी वाली पैकेटों की दवाई के सेवन को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है.
मंत्रालय ने कहा कि लाल पट्टी वाली दवाइयां फार्मेसी द्वारा केवल तभी वितरित की जा सकती हैं जब वैध चिकित्सा नुस्खा उपलब्ध कराया गया हो.
अपने आधिकारिक ट्विटर हेंडल से ट्वीट करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिखा, ‘आप एंटीबायोटिक के प्रतिरोध को रोक सकते हैं. दवाओं के पैकेट पर लाल रंग की पट्टी का मतलब है कि आप डॉक्टर की बिना सलाह के इन दवाओं का सेवन नहीं कर सकते.’
You can prevent antibiotic resistance!
A RED LINE on the strip of medicines implies that the medicine should not be consumed without a doctor's prescription.#SwasthaBharat #AntibioticResistance pic.twitter.com/zo7SooaiN9
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) March 10, 2024
मंत्रालय ने आगे लिखा कि ऐसी दवाओं का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही किया जाना चाहिए. डॉक्टर द्वारा सुझाए गए नुस्खे का कोर्स पूरा करें. पैकेट पर लाल पट्टी देखें और जिम्मेदार नागरिक बनें.
जब आप दवा के पैकेट पर उसकी एक्सपायरी डेट देखें तो यह भी जांच लें कि पैकेट पर लाल पट्टी है या नहीं और अगर उस पर लाल पट्टी है तो बिना डॉक्टर के सुझाव के उस दवा का सेवन बिल्कुल भी न करें. ऐसा करना आपके लिए बेहद हानिकारक हो सकता है.
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इन (खसरा, रूबेला) संक्रामक रोगों से निपटने के लिए देश के अथक प्रयासों के लिए भारत को प्रतिष्ठित खसरा और रूबेला चैंपियन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.