झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को नहीं मिली राहत, अर्जी खारिज, जानिए क्यों मांगी थी 13 दिन की जमानत

नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झटका देते हुए उनकी अंतरिम जमानत की मांग को पीएमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया। भूमि घोटाला मामले में जेल में बंद हेमंत सोरेन ने अपने चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 13 दिन की अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया।

जेएमएम के अध्यक्ष शिबू सोरेन के भाई राजाराम सोरेन का आज सुबह उनके रांची स्थित आवास पर निधन हो गया था। राजाराम सोरेन लंबे समय से बीमार चल रहे थे। चाचा के निधन की जानकारी मिलते ही शिबू सोरेन के बेटे और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने कोर्ट से अंतिम संस्कार और तेरहवीं में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी थी। आपको बता दें कि हेमंत सोरेन को ईडी ने भूमि घोटाला मामले में इसी साल 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। तब से हेमंत सोरेन रांची की बिरसा मुंडा होटवार जेल में बंद हैं।

हेमंत के इस्तीफा देने के बाद ऐसी चर्चा थी कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री पद संभालेंगी लेकिन परिवार में ही उनका विरोध होने लगा। यहां तक कि हेमंत के बड़े भाई की पत्नी नाराज होकर बीजेपी में शामिल हो गईं। इसके बाद चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया। हेमंत के जेल जाने के बाद से ही उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राजनीति में पूर्ण रूप से सक्रिय हो गई हैं।

जिसको देखते हुए ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वो जल्द ही राजनीति में आ सकती हैं और गुरुवार को जेएमएम की ओर से इस बात पर अंतिम मोहर भी लगा दी गई। जेएमएम की ओर से बताया गया कि झारखंड में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में कल्पना सोरेन गांडेय सीट से चुनाव लड़ने जा रही हैं। इतना ही नहीं उनके नामांकन की तारीख भी फाइनल हो गई है। कल्पना 29 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगी।

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