Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में जोशीमठ जैसे खतरे की आशंका जताई है। उन्होंने आशंका जताते हुए कि हिमाचल प्रदेश का भी उत्तराखंड के जोशीमठ जैसी ही स्थिति हो सकती है। इस आशंका के मद्देनजर उन्होंने केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए आपदा कोष में बढ़ोत्तरी करने की अपील की।
सीएम डिजिटल तरीके से दो डॉपलर वेदर रडार (DWR) स्थापित करने के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पहाड़ी प्रदेश के कुछ इलाकों के बारे में चिंता जताई, जहां भू-अस्खलन की आशंका है। उन्होंने केंद्रीय विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह से इस मसले पर बातचीत करने के लिए प्रदेश का दौरा करने की भी अपील की।
सही जानकारी , संसाधनों और समय पर प्रशासनिक कार्यवाही द्वारा काफी हद तक प्राकृतिक आपदा से निपटा जा सकता है। इस संदर्भ में वर्चुअल मीटिंग द्वारा हिमाचल प्रदेश में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनज़र केंद्र सरकार से आपदा प्रबंधन निधि बढ़ाने का आग्रह किया गया। pic.twitter.com/ttHbsEATvO
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) January 16, 2023
हिमाचल प्रदेश के सीएम ने कहा कि हम पर्याप्त तकनीक के साथ इन स्लाइडिंग एरिया के लिए प्रभावी ढंग से स्कीम नहीं बना सके हैं। हमें हिमाचल प्रदेश के लिए चार समर्पित डॉपलर मौसम रडार सिस्टम की जरूरत है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि किन्नौर और स्पीति के 30 प्रतिशत इलाके में अक्सर बादल फटते हैं। उन्होंने कहा कि लगभग दो से तीन वर्ष पहले किन्नौर में बादल फटा था, जिससे न केवल जान-माल की क्षति हुई थी, बल्कि वॉटरइलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट को भी नुकसान पहुंचा था।