नए हिट एंड रन कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे बस-ट्रक ड्राइवर

केंद्र सरकार की ओर से आपराधिक कानूनों में किए गए बदलाव के कारण हिट एंड रन केस में भी सजा बढ़ा दी गई है. हिट एंड रन को लेकर लाए गए नए कानून के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली से लेकर चेन्नई तक असर दिख रहा है. अलग-अलग राज्यों में ट्रक और बस ड्राइवर सड़कों पर उतर गए हैं. उन्होंने देशव्यापी हड़ताल कर दिया गया. ट्रक और बस ड्राइवरों की हड़ताल का ऐसा असर हुआ कि नागपुर में एक पेट्रोल पंप के बाहर पेट्रोल-डीजल लेने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई.

उधर, बस और ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह से ठप हो गया है. हड़ताल करने वाले ट्रक और बस ड्राइवरों का कहना है कि नया कानून बिलकुल गलत है, इसे हर हाल में वापस लिया जाना चाहिए. महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश और दिल्ली से लेकर हरियाणा और यूपी समेत दक्षिण भारत राज्यों में भी कई जगह बस और ट्रक ड्राइवरों ने कानून के विरोध में सड़कों पर अपने वाहन खड़े कर दिए हैं.

विरोध-प्रदर्शन कर रहे ट्रक और बस ड्राइवरों का कहना है कि अगर कोहरे या फिर धुंध के कारण कोई हादसा होता है तो नए कानून के तहत ड्राइवरों के लिए 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि किसी हादसे के बाद उन्हें मजबूरन घटनास्थल से भागना पड़ता है, क्योंकि हादसे के बाद उन्हें स्थानीय लोगों से खतरा होता है.

उन्होंने कहा कि आज एसोसिएशन के सभी मुख्य पदाधिकारी वर्चुअल मीटिंग करेंगे. उन्होंने मांग की है कि अगर केंद्र सरकार की ओर से कोई हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाता है और दुर्घटना के बाद अगर ट्रक या बस ड्राइवर हेल्पलाइन नंबर पर हादसे की जानकारी दे दे, तो उस पर ये कानून न लागू किया जाए.

नए हिट एंड रन कानून को लेकर ऑल इंडिया मोटर एवं गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है. उन्होंने कहा कि कानून बनाने से पहले एसोसिएशन से सुझाव नहीं लिया गया.  हिट एंड रन केस में नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना नहीं देने पर ड्राइवरों को अब दो साल की नहीं बल्कि 10 साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही उसे 7 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा.

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