जितना आसान है अयोध्या पहुंचना उतना ही मुश्किल है रामलाल का दर्शन करना. रामजन्म भूमि और मस्जिद विवाद के बीच अयोध्या हर रोज हजारों श्रद्धालु पहुंचते है. सैकड़ों पुलिस, सुरक्षाकर्मी, बैरीकेडिंग, जांच के बीच बंकर नुमा रास्ते से होकर लोग राम लला के दर्शन करने जाते हैं.
घंटो लाइन में लगने और थकने के बाद जो सबसे बड़ी दिक्कत लोगों को आती है वह यह है कि कब राम लला के दर्शन हुए यह उन्हें पता ही नहीं चलता हैं.
राम लला के दर्शन
अयोध्या में राम मंदिर सवेरे 7 बजे ही खुल जाता है. चार घंटों बाद यानी 11 बजे मंदिर बंद हो जाता है. फिर भगवान को भोग लगाने के बाद दोपहर 1 बजे खुलता है. फिर शयन आरती के बाद शाम 6 बजे बंद हो जाता है. रामलला के दर्शन करने वालों को मोबाइल, वॉलेट, पेन, सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और माचिस ले जाने की मनाही है. पानी का बोतल ले जाने पर भी रोक है. सबसे पहले सबकी चेकिंग होती है. मंदिर में कई चीज़ों को ले जाने पर पाबंदी है. हर व्यक्ति की कम से कम पांच बार चेकिंग होती है. महिलाओं की अलग लाईन और पुरूषों की अलग लाईन लगती है. लगभग एक किलोमीटर तक घुमावदार संकरे बंकरनुमा रास्ते से होकर राम लला के करीब पहुंचते हैं.
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भगवान का दर्शन करना भी कठिन काम है. रामलला टेंट में हैं थोड़ी ऊंचाई पर छोटे से टेंट में विराजमान हैं. उनके साथ तीनों भाई भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्ति लगी हुई है. राम के सबसे बड़े भक्त भगवान हनुमान की भी प्रतिमा है. सुरक्षा कारणों से रामलला की एक झलक भी बड़ी मुश्किल से हो पाती है. रामलला के दर्शन के लिए सिर्फ़ 5 से 6 सेकेंड ही समय लोगों को मिलता है. इतने कम समय में बस भगवान की एक झलक ही मिल पाती है. लोग ठीक से भगवान को देख भी नहीं पाते हैं. 51 फ़ीट की दूरी पर रामलला विराजमान हैं. दर्शन के बाद दूसरे रास्ते से लोग बाहर निकलते हैं.
पूजन समाग्री ले जाने की मनाही
श्रद्धालु अपने साथ प्रसाद के तौर पर फल-फूल, अगरबत्ती ले जाते हैं. जिन्हें रास्ते में ही श्रद्धालुओं को रोक कर जमा करा लिया जाता है. प्रशासन की तरफ से प्रसाद के नाम पर सिर्फ़ ईलायची दाना ले जाने की छूट है. जो दो पैकेट में मिलता है. ईलायचीदाने का एक पैकेट पुजारी रख लेते हैं और दूसरा वाला पैकेट प्रसाद के रूप में मिलता है. मंदिर के आस पास अगर आपने प्रसाद का पैकेट ठीक से नहीं पकड़ा है तो पलक झपकते ही बंदर आपके पैकट को छीनकर भाग सकते हैं. इस तरह की घटना कई लोगों के साथ होता है.
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बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंचते हैं श्रद्धालु
जिस जगह पर राम लला विराजमान हैं वहा से काफी दूर पहले से ही लोगों की लंबी कतार लग जाती है. दर्शन करने वालों में बड़ी संख्या बुजुर्ग लोगों की होती है. वहां मौजूद होने पर जो अनुभव होता है आपको सोचने पर मजबूर कर देगा. जिस कतार में खींचातानी और धक्कामुक्की का सामना के बाद एक अदद जब बुजुर्ग लोग राम लला के पास पहुंचते हैं तो उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं लग पाता है कि राम लला आ गये हैं और उनके दर्शन यहीं होने हैं. जिस तरह से काफी लंबे समय के इंतजार के बाद वह मुख्य स्थल पर पहुंचते हैं जहा राम लला विराजमान हैं, वहां सुरक्षाबल इन लोगों को चंद सेकंड भी ठहरने नहीं देते हैं.
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एक छोटी सी मूर्ती पर जब तक इन लोगों की नजर पड़ती है तब तक सुरक्षाकर्मी इन्हें धकेल कर आगे कर देते हैं. बहरहाल अयोध्या को रामजन्मभूमि की पौराणिक मान्यता है जिसे मानते हुए यहां लोग भगवान राम की जन्मभूमि के दर्शन करने आते हैं.