वैशाख पूर्णिमा पर आज है दरिद्रता से मुक्ति पाने का सुयोग, करें व्रत, हवन और दान

प्रीतिका मजूमदार : आज वैशाख पूर्णिमा है। वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। वैशाख पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान-दान के साथ व्रत रखने का विधान है। चूंकि इस वक़्त देश में कोरोना महामारी फैली हुई है और एक जगह लोगों का इकठ्ठा होना मन है, लिहाजा आप आप अपने घर पर ही स्नान करें और परिस्थितियों के अनुरूप दान कर्म करें। वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा का बौध धर्म में विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, बुद्ध पूर्णिमा को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। भगवान् बुद्ध का महानिर्वाण भी आज ही हुआ था।वैशाख पूर्णिमा का माहात्म्य
सनातन संस्कृति में वैशाख मास का विशेष महत्व है। इन दिनों ग्रीष्म ऋतु अपने चरम पर होती है और गर्म हवाएं बहने से लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ जाती हैं। इस मास में जल का महत्व काफी बढ़ जाता है और जल की कमी के कारण जल के दान और जल के किफायत से उपयोग करने पर इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। भविष्य पुराण, आदित्य पुराण में वैशाखी पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र और फलदायी तिथि माना गया है। इस दिन पिछले एक महीने से चले आ रहे वैशाख स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्ण आहुति की जाती है। वैशाखी पूर्णिमा के दिन मंदिरों में हवन और पूजन का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही वैशाख मास के महात्म्य का परायण किया जाता है।

पौराणिक महत्त्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के मित्र सुदामा जब उनसे मिलाने द्वारिका पहुंचे थे, तब उनको श्रीकृष्ण से वैशाख पूर्णिमा के महत्व के बारे में बताया था। भगवान् के बताए अनुसार व्रत करने से सुदामा जी की दरिद्रता और दु:ख दूर हो गए थे। इस कारण से वैशाख पूर्णिमा का महत्व बढ़ जाता है।पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। वैशाख पूर्णिमा के दिन जो भी व्रत रहता है और भगवान विष्णु की आराधना करता है, उसके दुख दूर होते हैं, समस्त पापों का नाश होता है, दरिद्रता मिट जाती है।

सत्य विनायक का व्रत रखा जाता है

वैशाखी पूर्णिमा के दिन पांच या सात ब्राह्मणों को सत्तू, चीनी या गुड़ और तिल का दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन विष्णु मंदिर में घी, चीनी और तिलों से भरा पात्र दान करने से शीघ्र ही मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वैशाखी पूर्णिमा को तिल और चीनी से हवन करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वैशाख पूर्णिमा के दिन सत्य विनायक का व्रत रखने का भी विधान है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने मित्र सुदामा को सत्य विनायक का व्रत रखने को कहा था। इसके बाद सुदामा की गरीबी दूर हुई थी।

नदी सरोवर में स्नान का है विशेष महत्व
वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। वैशाखी पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा हुआ कलश, पकवान और मिष्ठान का दान करने से गोदान के समान फल मिलता है। वैशाखी पूर्णिमा को शक्कर और तिल का दान करने से अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। पितृों के लिए पवित्र नदियों में स्नान कर हाथ में तिल रखकर तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। लेकिन जैसा मैंने शुरू में बताया कि महामारी के प्रतिबंधों के चलते इस वर्ष ये सम्भव नहीं है लिहाजा पवित्र मन से अपने घर पर ही स्नान करें।

आज का पंचांग
07 मई, 2020
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तिथि पूर्णिमा 16.16
नक्षत्र स्वाति 11.08
करण विष्टि 06.00
बव 16.16
पक्ष शुक्ल
वार गुरुवार
योग व्यतिपात 16.40
सूर्योदय 05.35
सूर्यास्त 19.00
चन्द्रमा तुला राशि में
राहुकाल 13.58 – 15.39
विक्रमी संवत्  2077
शक सम्वत 1942
मास वैशाख
शुभ मुहूर्त अभिजित 11.51 – 12.44

लेखक के बारे में-

प्रीतिका मजूमदार देश की जानी-मानी वैदिक ज्योतिषी हैं. टैरो कार्ड रीडिंग और न्यूमरोलॉजी में जहां उन्हें महारथ हासिल है वहीं रेकी और साउंड हीलर के तौर पर भी उनकी एक अलग पहचान है.देश के सभी बड़े टीवी चैनल्स उन्हें बतौर एक्सपर्ट उन्हें अपने शोज़ में आमंत्रित करते रहते हैं.सुखी और समृद्ध जीवन के लिए उनके सुझाए उपाय अपनाकर अनगिनत लोग लाभान्वित हो चुके हैं. प्रीतिका मजूमदार से इन मेल आईडी पर सम्पर्क किया जा सकता है: [email protected] और [email protected]

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