supreme court: पुलिस जांच ( विवेचना ) को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने अहम फैसला आया है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी केस की इंक्वारी के लिए जांच एजेंसी को पर्याप्त वक्त मिलना चाहिए न कि जांच आनन फानन में खत्म कर देनी चाहिए। अदालत ने कहा कि “स्थापित विधि के मुताबिक जांच एजेंसी को प्रदत्त अधिकार है कि जांच एजेंसी को विवेचना करने के लिए उचित समय प्रदान किया जाना चाहिए।
जांच को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जब तक कि यह नहीं पाया जाता है कि प्राथमिकी में आरोप किसी संज्ञेय अपराध का उजागर नहीं करते हैं या दर्ज की गयी अपराध की शिकायत किसी भी कानून द्वारा वर्जित है
अदालत ने यह निर्णय मद्रास उच्च न्यायालय क़े फैसले क़े विरुद्ध दिया जिसमे 09.12.2022 को यूट्यूबर क़े विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई और एक दिन बाद ही FIR रद्द करने हेतु उच्च न्यायालय में अर्जी दायर कर दी गयी और 4 दिन बाद ही केस की इंक्वारी खत्म कर दी गयी और मद्रास उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज निरस्त कर दी, यूट्यूबर मारिधास ने एक ट्वीट कर दिया था जिसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी, सर्वोच्च न्यायालय ने मद्रास हाईकोर्ट क़े निर्णय को पलटा।