भारत में कई बार आरक्षण के लिए हुए बड़े आंदोलन, कई लोगों की हुई थी मौत

अभी हाल में ही मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने ऐतिहासिक फैसला किया है इसके लिए सरकार संविधान संशोधन विधेयक का रास्ता भी अपना रही हैं लेकिन आपको बता दें कि देश के अलग-अलग राज्यों में आरक्षण की मांगें उठती रही हैं और आरक्षण के लिए कई बड़े आंदोलन भी हुए तो आए जानते हैं किन आरक्षण के लिए हुए थे बड़े आन्दोलन।

ओबीसी आरक्षण के खिलाफ

पहली बार मंडल कमीशन की सिफारिशों को 1990 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने लागू किया तो देश में सवर्ण समुदाय के लोग इसके विरोध में आ गए और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हुआ वहीं कई जगह आगजनी-तोड़फोड़ भी हुई.

पटेल आंदोलन

गुजरात में 2015 में पटेल आरक्षण की मांग हार्दिक पटेल के नेतृत्व में हुई और इसके लिए हार्दिक को पुलिस ने हिरासत में लिया तो सूबे का माहौल ही बिगड़ गया और पटेल समाज के लोग 12 से ज्यादा शहरों में तोड़फोड़ और आगजनी करते हुए करीब सवा सौ गाड़ियों में आग लगा दी और 16 थाने जला दिए.

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जाट आंदोलन

यूपीए सरकार ने चुनाव से पहले जाट समुदाय को ओबीसी की श्रेणी में शामिल किया था, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया था. इसे लेकर हरियाणा सहित कई राज्यों में जाट समुदाय के लोग सड़क पर उतर आए और इस आंदोलन में हरियाणा में जमकर हिंसा, आगजनी व तोड़-फोड़ हुई. रेलवे व बस सेवा पूरी तरह ठप हो गई. आंदोलन के दौरान करीब 30 लोगों की जान गई और राज्य को 34 हजार करोड़ रुपये की धनहानि हुई.

गुर्जर आंदोलन

आपको बता दें कि राजस्थान में गुर्जर समुदाय अलग से आरक्षण की मांग की और कई दिनों तक रेलवे ट्रैक को जाम कर रखा. 2008 में गुर्जर आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गोलीबारी की जिससे वहां हिंसा भड़क गई इस दौरान 20 लोगों की मौत हुई थी. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली व मुंबई के रेल रूट को ब्लॉक कर दिया था. इसके बाद 2015 में एक बार फिर गुर्जर समुदाय के लोगों ने रेलवे ट्रैक को रोक दिया पटरियां उखाड़ीं व आगजनी की, जिससे 200 करोड़ का नुकसान हुआ.

मराठा आरक्षण

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जुलाई 2018 में एक युवक ने ख़ुदकुशी कर ली. इसके बाद आंदोलनकारियों ने कई गाड़ियों को जला दिया बाद में आग के हवाले कर  महाराष्ट्र के विधानसभा में 16 फीसदी मराठा आरक्षण बिल पास कर दिया गया.

निषाद आंदोलन

बता दें कि दिसंबर 2018 में नरेंद्र मोदी गाजीपुर में रैली करने गए थे. इस दौरान निषाद समुदाय के लोगों ने रोड जाम कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो पथराव शुरू हो गया. इसके बाद भीड़ हिंसक हो गई और एक सिपाही सुरेश वत्स की मौत हो गई और निषाद समुदाय के लोगों ने 2015 में गोरखपुर में रेलवे ट्रैक जाम किया था.

आंध्र प्रदेश में हिंसा की आग

आंध्र प्रदेश के कापू समुदाय ने 2016 में ओबीसी दर्जे की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किए थे. राज्य में पूर्वी गोदावरी जिले में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने रत्नाचल एक्सप्रेस के चार डिब्बों सहित दो पुलिस थानों को जला दिया था

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