मुजफ्फरनगर, राजसत्ता एक्सप्रेस। मियां-बीवी राजी तो क्या करेगा काजी.. कहावत अब बीते जमाने की हो चली है। कोरोना के आने के बाद यह कहावत भी बदल गई है.. कोरोना इफेक्ट के साथ अब इसे ऐसे कह सकते हैं- मियां-बीवी राजी तो क्या करेगा काजी.. और क्या करेगा लॉकडाउन। सुनने में आपको अटपटा लग रहा होगा, लेकिन अभी चलन में यही है।
दरअसल लॉकडाउन में कुछ लोग शासन-प्रशासन की बात मानकर घर में हैं। तो कुछ लोग लॉकडाउन को तोड़ने की नई-नई तरकीब इजाद करने में लगे हैं। इस कड़ी में ताजा किस्सा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर से सामने आया है। यहां के रहने वाले एक शख्स ने लॉकडाउन को धता देकर निकाह कर ली और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। जब मामला सामने आया तो दूल्हा-दुल्हन और इस निकाह को अंजाम देने वालों की धर-पकड़ हुई। पुलिस ने बताया कि दूल्हा-दुल्हन और इस निकाह में शामिल सभी लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है।
मरीज बनकर एंबुलेंस से निकाह करने गया गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली विधानसभा क्षेत्र में रहने वाला युवक निकाह के लिए खुद को ही मरीज बना डाला। एंबुलेंस से जाकर गाजियाबाद के शहीदनगर से दुल्हन ले आया। पुलिस ने बताया कि कुछ दिन पूर्व खतौली कस्बे के इस्लामनगर मोहल्ले में रहने वाले युवक अहमद ने निकाह के लिए मरीज बनने का ड्रामा किया और एंबुलेंस लेकर गाजियाबाद पहुंच गया। अहमद के साथ उसके पिता इसरार भी थे।
दूल्हे और उसके पिता पर केस
निकाह संपन्न होने के बाद वह चोरी-छिपे एंबुलेंस से ही घर भी लौट आया। युवक जिस इलाके में रहता है, उसे जिला प्रशासन ने पहले ही सील किया हुआ था, क्योंकि यहां से कुछ कोरोना पॉजिटिव केस निकले थे। अहमद के आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों से जब इस वाकये की जानकारी मिली तो जिला प्रशासन ने अहमद और उसकी पत्नी को क्वारंटाइन कर दिया है। निकाह से लौटे सभी लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। मामले को तूल पकड़ता देख एंबुलेंस के ड्राइवर महबूब, अहमद और उसके पिता हाजी इसरार पर आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया है।