कानपुर, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना महामारी से पूरी दुनिया त्रस्त है। कारोबार, यातायात यहां तक की धार्मिक अनुष्ठान भी बंद हैं। मई-जून यानी लगन वाला सीजन.. कोरोना महामारी यहां भी कुंडली मारकर बैठा है। लॉकडाउन के चलते कई शादियां टल चुकी हैं। कानपुर देहात की रहने वाली गोल्डी भी इस मुसीबत की मार झेल रही थी। गोल्डी की शादी लॉकडाउन के चलते बार-बार टल जा रही थी। 4 मई को तय शादी को पहले लॉकडाउन के कारण बढ़ाकर 17 मई किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथे लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। शादी एक बार फिर टलने की बात चल ही रही थी कि दुल्हन ने एक बड़ा फैसला ले लिया।
कानपुर देहात के मंगलपुर की रहने वाली 19 साल की गोल्डी लगातार 12 घंटे पैदल चलकर दूल्हे वीरेंद्र कुमार राठौर के गांव कन्नौज के बैसपुर पहुंच गई। दूल्हे के परिजन अचानक से दुलहन को देखकर चौंक गए। उन्होंने फिर भी उसका स्वागत किया और उसके परिजन से बात की। दोनों परिवारों की रजामंदी के बाद दूल्हे के गांव के एक मंदिर में विधि-विधान से गोल्डी और वीरेंद्र की शादी करा दी गई। गांव वालों ने भी दोनों की शादी का समर्थन किया और समारोह के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखा।
गोल्डी ने बताया कि 4 मई को उसकी शादी तय की गई थी, जो लॉकडाउन की वजह से टाल दी गई थी। हम लॉकडाउन 3.0 के खत्म होने का इंतजार कर रहे थे लेकिन उसे भी 17 मई से बढ़कार 31 मई तक कर दिया गया। दुलहन ने कहा कि हमारे परिवार के लोग शादी को फिर से टालने पर विचार कर रहे थे लेकिन मैंने फैसला किया कि मैं अपनी शादी के बीच इस महामारी को नहीं आने दूंगी। मैंने किसी को बताए बिना घर छोड़ दिया।
गोल्डी ने 80 किलोमीटर का सफर 12 घंटे में तय किया और दूल्हे के गांव पहुंच गई। उन्होंने बताया कि 12 घंटे के सफर में उन्होंने कुछ नहीं खाया था। उनके साथ एक छोटा सा बैग था, जिसमें उनके कुछ कपड़े थे। गोल्डी ने बताया कि वहां पहुंचने के बाद हमने दोनों परिवारों की सहमति से मंदिर में शादी की। मास्क लगाए दूल्हा-दुलहन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।