यूपी में चरण की आठ लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न, 96 उम्मीदवारों के भाग्य ईवीएम में कैद

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार शाम छह बजे समाप्त हो गया। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल0 वेंकटेश्वर लू के अनुसार सूबे में प्रथम चरण का मतदान शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। समाचार लिखे जाने तक छुटपुट घटनाओं को छोड़ कहीं से किसी अप्रिय वारदात की खबर नहीं मिली। प्रदेश में प्रथम चरण की आठों सीटों सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर पर मतदान सुबह सात बजे प्रारम्भ हो गया था। शुरुआत में कुछ मतदेय स्थलों से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के खराब होने की शिकायत मिली लेकिन, जल्द उन्हें ठीक कर लिया गया अथवा उनकी जगह दूसरी मशीन लगा दी गयी।

मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की भीड़ जुटने लगी थी। हर दो घंटे के अंतराल पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा मतदान प्रतिशत जारी किया गया। शुरु के दो घंटों में आठों सीटों पर औसत मतदान 11.40 प्रतिशत रहा, जो पूर्वाह्न 11 बजे 24.32, अपराह्न एक बजे 38.78, तीन बजे करीब 51 और पांच बजे तक लगभग 60 फीसदी पहुंच गया। यद्यपि मतदान की अवधि शाम छह बजे समाप्त हो गयी, लेकिन उस समय तक जो लोग कतार में खड़े थे, वे वोट दे सकेंगे। ऐसे में प्रथम चरण का मतदान प्रतिशत देर शाम तक स्पष्ट हो पाएगा। फर्जी मतदान का आरोप शुरुआती दौर में फर्जी मतदान को लेकर कुछ मतदान केंद्रों पर उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़पें भी हुईं। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार संजीव बालियान ने फर्जी मतदान का आरोप लगाया। उनका कहना था कि बुर्का पहनकर आ रही महिलाओं के चेहरों की जांच नहीं हो रही है, जिससे वे सब फर्जी मतदान कर रहे हैं।

हालांकि निर्वाचन आयोग ने संजीव बालियान के आरोप को खारिज कर दिया। आयोग के अधिकारियों का कहना था कि सभी मतदाताओं की पहचान करने के बाद ही उन्हें वोट डालने दिया जा रहा है। पथराव व फायरिंग मतदान के दौरान कैराना लोकसभा क्षेत्र के कांधला में कई लोग बगैर मतदाता पहचान पत्र के बूथ में घूस आये और वोट डालने की कोशिश करने लगे। पहचान पत्र मांगने पर हंगामा करने लगे तो वहां मौजूद बीएसएफ के जवानों ने हवाई फायरिंग कर सबको भगा दिया। इसके चलते वहां करीब एक घंटा मतदान वाधित रहा। खबर है कि इस दौरान नाराज ग्रामीणों ने पथराव भी किया। जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति पर नियंत्रण किया। उधर फर्जी वोट को लेकर मुजफ्फरनगर में रतनपुरी के गांव टोडा के मतदान केंद्र पर दो पक्षों के बीच पथराव की घटना भी घटी। इस घटना में दो लोग घायल हो गये। पुलिस ने मौके से दो आरोपितों को हिरासत में भी ले लिया। मुजफ्फरनगर में ही चरथावल के गांव नगला राई में मतदान केंद्र पर भारत विरोधी नारे लगाने को लेकर बवाल हुआ।

मतदाताओं पर फूलों की बरसात पहले चरण के मतदान के दौरान बागपत संसदीय क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं का अनोखे तरीके से स्वागत किया गया। इस सीट के बूथ संख्या 126 पर वोट डालने के लिए पहुंच रहे मतदाताओं पर फूलों की बरसात की जा रही थी। इसके अलावा ढोल और नगाड़ों की थाप से उनका स्वागत किया जा रहा था। 96 उम्मीदवारों के भाग्य ईवीएम में कैद प्रथम चरण की आठ संसदीय सीटों के लिए कुल 96 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सहारनपुर में कुल 11 उम्मीदवार, कैराना में 13, मुजफ्फरनगर में 10, बिजनौर में 13, मेरठ में 11, बागपत में 13, गाजियाबाद में 12 तथा गौतमबुद्ध नगर में कुल 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें महिला उम्मीदवारों की संख्या दस है।

इन सभी उम्मीदवारों की किश्मत आज शाम को ईवीएम में कैद हो गयी। अब नतीजे 23 मई को आएंगे। इस चरण में मतदाताओं की कुल संख्या 1.50 करोड़ है, जिनमें 82.24 लाख पुरुष, 68.39 लाख महिला और 1014 तृतीय लिंग के मतदाता हैं। इनमें 18 से 19 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या 273032 और 80 वर्ष से अधिक वरिष्ठ मतदाता 271565 हैं। 6716 मतदान केंद्रों पर पड़े वोट आठों निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 6716 मतदान केंद्र तथा 16581 मतदेय स्थल स्थापित किए गए थे। मतदान के लिए 27530 ईवीएम की बैलेट यूनिट, 21249 कंट्रोल यूनिट और 22741 वीवीपैट मशीनें लगाई गई थीं। साथ ही निष्पक्ष मतदान के लिए कुल 75,366 कर्मचारियों को तैनात किया गया था। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पहले चरण के मतदान को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए थे। आठों संसदीय क्षेत्रों को 130 जोन व 1308 सेक्टर में बांटा गया था।

इस चरण में 157 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स और 35 कंपनी पीएसी समेत एक लाख पांच हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा मतदान केन्द्रों पर निगरानी हेतु 1220 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 254 जोनल मजिस्ट्रेट और 88 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे। आठ सामान्य पर्यवेक्षक, चार पुलिस पर्यवेक्षक, आठ व्यय पर्यवेक्षक और 40 सहायक व्यय पर्यवेक्षक तैनात थे। 1751 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए थे। इसके अलावा 1581 बूथों पर डिजिटल कैमरे और 816 पर वीडियो कैमरे लगाए गए थे। 1741 बूथों पर वेब कास्टिंग की गई। राजधानी स्थित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के कंट्रोल रुम से भी मतदान प्रक्रिया की लगातार निगरानी की गई। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल0 वेंकटेश्वर लू समेत अन्य अधिकारी दिन भर यहां मौजूद रहे। इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर पहले चरण के मतदान में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

इनमें राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री चैधरी अजित सिंह, उनके बेटे जयंत चैधरी और तीन वर्तमान केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, डा0 महेश शर्मा और सत्यपाल सिंह भी शामिल हैं। इसके अलावा बिजनौर सीट से नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। नसीमुद्दीन सिद्दीकी कभी मायावती के बेहद खास और बसपा के कद्दावर नेता थे। उधर, मेरठ सीट से कांग्रेस ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास के बेटे हरेंद्र अग्रवाल को टिकट दिया है। उनके मुकाबले गठबंधन की तरफ से बसपा के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी हैं। ये सब भाजपा के निवर्तमान सांसद राजेंद्र अग्रवाल को चुनौती दे रहे हैं।

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