independence Day 2018: 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन हम सब तिरंगा फहराते हैं. हमारा राष्ट्रीय ध्वज देश के गौरव का प्रतीक है. राष्ट्रीय ध्वज को फहराने को लेकर कई नियम भी हैं और तिरंगे का अपमान और अनादर करना एक दंडनीय अपराध है.
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आपको बता दें कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी शख्स को जेल हो सकती है. तो चलिए जानते हैं तिरंगे फहराने से जुड़े नियम और कानून.
1. तिरंगा हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता है.
2. तिरंगे को कभी झुकाया नहीं जाता, न ही जमीन पर रखा जाता है. आदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है.
3. झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता, झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है. झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं.
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4. तिरंगे का आकार आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए.
5. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए.
6. केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके तिरंगा फहराना गलत है.
7. तिरंगे को हमेशा अपने पास की सबसे ऊंची जगह पर फहराना चाहिए.
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8. तिरंगे का इस्तेमाल किसी कार्यक्रम में मेज को ढकने या मंच को सजाने में नहीं किया जाता है.
9. कभी भी फटा या मैला-कुचैला तिरंगा नहीं फहराया जाता है. झंडा फट जाए, मैला हो जाए तो उसे एकांत में आग में जला देना चाहिए या अन्य किसी तरीके से नष्ट करना चाहिए, ताकि उसकी गरिमा बनी रहे. झंडे को पवित्र नदी में जल समाधि भी दी जा सकती है.
10. तिरंगे के कपड़े बनाकर पहनना गलत है. तिरंगे को अंडरगार्मेंट्स, रुमाल या कुशन आदि बनाकर इस्तेमाल करना तिरंगे का अपमान है.