भारत और अमरीका के संबंधों में पिछले कुछ साल में मज़बूती आई है। कई अहम सेक्टर्स में दोनों देशों ने साथ मिलकर काम करना की पहल की है जिससे दोनों देशों के फायदा मिल सके। अमरीका की डिफेंस डिपार्टमेंट एजेंसी पेंटागन के एक अधिकारी ने हाल ही में एक बड़ा दावा किया है। पेंटागन के अधिकारी एली रैटनर , जो इंडो-पैसिफिक सिक्योरिटी अफेयर्स के डिफेंस के असिस्टेंट सेक्रेटरी भी है, ने हाल ही में भारत और अमरीका के एक जॉइंट प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी है।
एली के अनुसार भारत और अमरीका ने साथ मिलकर आधुनिक हथियारों पर काम शुरू कर दिया है। कुछ समय पहले ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टेट विज़िट पर अमरीका गए थे और इस दौरान डिफेंस सेक्टर में दोनों देशों के साथ काम करने के साथ ही कई दूसरे मुद्दों पर ही उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बातचीत की थी। इसी के तहत अब भारत और अमरीका ने साथ मिलकर विस्तारित मारक क्षमता युक्त आर्टिलरी और इंफेंट्री वाहनों के साथ ही दूसरे कई आधुनिक हथियारों पर काम शुरू कर दिया है।
रैटनर ने भारत और अमरीका के आधुनिक हथियारों पर साथ काम करने की बात अमरीकी संसद में कही। रैटनर ने अमरीकी संसद में चीन पर बनी स्थायी समिति के सामने इस बात की जानकारी दी। दोनों देशों के एक साथ मिलकर काम करने की मुख्य वजह है चीन। दोनों ही देश चीन को खतरा मानते हैं। इंडो-पैसिफिक ओशन में चीन धीरे-धीरे अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है और भारत और अमरीका दोनों ही इसके खिलाफ हैं। दोनों देशों को पता है चीन आगे जाकर इसका इस्तेमाल अपने नापाक इरादों के लिए कर सकता है। इसी वजह से भारत और अमरीका ने चीन के मंसूबों को रोकने के लिए आधुनिक हथियारों पर साथ काम शुरू कर दिया है।