वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 7.8 फीसदी की दर से बढ़ी है। विशेषज्ञों की माने तो यह शानदार शुरुआत है क्योंकि वर्तमान में यह दुनिया की किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तुलना में सबसे तेज विकास दर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने पहली तिमाही के लिए GDP के आंकड़े को आज शाम में जारी किए। फर्स्ट क्वार्टर के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को मिली शानदार शुरुआत के मुख्य फैक्टर की बात करें तो इसमें उपभोक्ता मांग और सर्विस सेक्टर की उच्च गतिविधि आदि शामिल है।
कोरोना के बाद पूरे विश्व में लंबे समय तक मंदी का दौर जारी रहा। आज भी विश्व के कई देश उस दौर से नहीं उबर पाएं हैं। ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश को आगे बढ़ाना किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन देश तमाम चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए आगे निकला। आज राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से जारी आंकड़ों के पता चल कि भारत ने वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में अपने परोसी देश चीन को पीछे छोड़ दिया है। बता दें कि चीन की जीडीपी वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही।
खर्च और राजस्व के बीच का जो अंतर होता है उसे राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) कहते हैं। बता दें कि CGA द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले चार महीने यानी जुलाई तक में ही केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 33.9 प्रतिशत तक पहुंच गया है।