कैंसर से लड़ने के लिए भारत ने तैयार की पहली सिरप, कीमोथैरेपी से मिल जाएगा छुटकारा?

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल एंड एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रेनिंग रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर (एसीटीआरईसी) ने कैंसर रोगियों के इलाज के लिए भारत की पहली सिरप (ओरल सस्पेंशन) तैयार करने में सफलता हासिल की है। कीमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाली इस दवा (6- मर्कैप्टोप्यूरिन या 6-एमपी) का नाम ‘प्रीवेल’ रखा गया है। एसीटीआरईसी के चिकित्सकों ने आइडीआरएस लैब्स, बैंगलोर के सहयोग से यह दवा तैयार की है। ब्लड कैंसर के रोगियों के लिए यह दवा क्रांति ला सकती है। खासकर बच्चों के कैंसर के इलाज में परंपरागत टैबलेट का यह असरदार विकल्प बन सकती है।

मर्कैप्टोप्यूरिन का उपयोग प्रायः सभी प्रकार के कैंसर के उपचार में किया जाता है। यह एंटीमेटाबोलाइट्स नामक दवाओं के वर्ग से संबंधित है जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकती है। टाटा मेमोरियल अस्पताल के बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. गिरीश चिन्नास्वामी ने कहा कि प्रीवैल की लॉन्चिंग एक बड़ी प्रगति है जो बच्चों के लिए अधिक अनुकूल है। अभी बच्चों को टैबलेट पीसकर देना पड़ता है। प्रीवेल को दवा नियामक सीडीएससीओ से मान्यता मिल गई है।

हम जब कैंसर के इलाज के बारे में सोचते हैं तो पहली चीज ध्यान में आती है, वह है कीमोथेरेपी। कैंसर में कीमोथेरेपी अनिवार्य रूप से एक उपचार है जिसमें दवाओं की मदद से कैंसर कोशिकाओं को तेजी से नष्ट किया जाता है। कीमोथेरेपी में आमतौर पर रेडियोथेरेपी, सर्जरी से ट्यूमर को हटाने, लक्षित दवाएं आदि शामिल है। कीमो ज्यादातर इंट्रावेनस (नस के जरिए खून में) इंजेक्शन के रूप में और कभी-कभी मुख से ले जाने वाली दवाओं के रूप में दिया जाता है। कैंसर के इलाज के लिए पहली बार 1940 में कीमोथेरेपी दी गई थी।
इसमें नाइट्रोजन मस्टर्ड और फोलिक एसिड प्रतिपक्षी दवाओं का उपयोग किया गया था। सिरप के इस्तेमाल से नसों के जरिए दी जाने वाली कीमोथेरेपी के झंझट से मुक्ति मिलेगी। सिरप आम दवाओं की तरह इस्तेमाल में लाया जाएगा तो जाहिर सी बात है कि इसमें दर्द या असहजता की स्थिति पैदा नहीं होगी। इस सिरप की कीमत कितनी होगी, यह भी नहीं बताया गया लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि इसकी कीमत अपेक्षाकृत कम होगी।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles