लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के बजाय कांग्रेस की नजर वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतने पर है। अखिलेश ने में कहा ”हमारा मकसद बिल्कुल साफ है। हमने साम्प्रदायिक पार्टी को रोकने के लिये बसपा और रालोद से गठबंधन किया है। राष्ट्रीय हित को देखते हुए ही सपा और बसपा ने सीटों का बलिदान दिया है।’
सपा मुखिया ने कहा कि लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का एजेंडा भाजपा को केन्द्र में अगली सरकार बनाने से रोकना नहीं, बल्कि 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतकर अपना मुख्यमंत्री बनाना है।” सपा मुखिया की यह टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान के मद्देनजर काफी अहम मानी जा रही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि केन्द्र में सरकार बनाने के बाद कांग्रेस का अगला लक्ष्य उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने का है, ताकि सूबे को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार का मुख्य केन्द्र बनाया जा सके।
बसपा और रालोद के साथ सपा के गठबंधन को ‘मजबूत’ बताते हुए उन्होंने कहा ”दोनों ही पार्टियों ने देश के लिये बलिदान दिया है। हमने एक-दूसरे के लिये आधी सीटें इसलिये छोड़ीं ताकि भाजपा दोबारा सत्ता में ना आ सके।”सपा-बसपा की दोस्ती 23 मई को टूट जाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दावे के बारे में अखिलेश ने कहा कि आखिर भाजपा को इसकी फिक्र क्यों हो रही है। उत्तर प्रदेश में हम मजबूत हैं और भाजपा कहीं नहीं है। यह जमीनी हकीकत है। भाजपा हमसे बहुत पीछे हो गयी है।
राहुल गांधी के तीन साल पुराने विवादित बयान पर कोर्ट ने दिखाई सख्ती
सपा द्वारा चुनाव में हार के डर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खराबी की शिकायत किये जाने के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान पर अखिलेश ने कहा, ”वह मुख्यमंत्री नहीं बन सके। वह अब भी सीख रहे हैं। उन्हें पिछले तीन दिन से चुनाव प्रचार के लिये हेलीकॉप्टर नहीं मिल पा रहा है। वह पार्टी में कुछ नहीं हैं।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रामपुर, बदायूं और मैनपुरी में भी ईवीएम में बड़े पैमाने पर खराबी हुई। क्या यह गम्भीर बात नहीं है?
भाजपा द्वारा सपा और बसपा की पिछली सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जाने के बारे में उन्होंने कहा, ”भाजपा के पास उठाने के लिये विकास का कोई मुद्दा नहीं है। अगर कहीं कुछ गड़बडी है तो वह कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? उसे किसने रोका है?”प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को नाकाम बताते हुए अखिलेश ने पूछा कि तमाम दावों के बीच क्या प्रदेश में पिछले दो साल के दौरान एक पैसे का भी निवेश हुआ है?
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सपा की क्या भूमिका होगी, इस सवाल पर पार्टी अध्यक्ष ने कहा, ”मैं प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं। लेकिन इतना तय है कि गठबंधन ही देश को नयी सरकार और नया प्रधानमंत्री देने जा रहा है। हम सही वक्त पर सही फैसला लेंगे। इस वक्त हम चुनाव अभियान पर ध्यान लगा रहे हैं और हमें विश्वास है कि प्रदेश में हम ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतेंगे।”