देश के गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार यानी बीते कल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में ग्लोबल पुलिस बॉडी इंटरपोल की 90वीं जनरल असेंबली के समापन सत्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने 164 मुल्कों के साथ इंटरनेशनल क्राइम से लड़ने के उपायों पर गहन चर्चा की। गृहमंत्री शाह ने कहा कि आज के युग के क्राइम और क्रिमिनल्स को रोकना है तो हमें कन्वेंशनल जियो-ग्राफिक बॉर्डर से ऊपर उठकर विचार करना होगा। हमें सभी देशों को ‘टेररिज्म’ और ‘टेररिस्ट’ की व्याख्या पर सहमति बनानी होगी।
गृहमंत्री ने कहा कि “इंटरपोल ने 100 वर्ष की यात्रा में अपनी योग्यता प्रमाणित किया है। हिंदुस्तान इंटरपोल के सबसे पुराने सदस्यों में से एक है और विदेशी सहयोग व बहुपक्षवाद के लिए अपने अहम रोल को मान्यता देता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से मैं सुरक्षा, विश्व शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए इंटरपोल के प्रयास की सराहना करता हूं।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि “पिछले आठ वर्षों में भारत सरकार ने पुलिस बलों को सशक्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय ने सरकार द्वारा की गई अन्य पहलों के बीच ई-कोर्ट, ई-फोरेंसिक जैसे आपराधिक न्याय देने के लिए तंत्र में सुधार किया है।