जम्मू-कश्मीर: शोपियां से अगवा किए 3 पुलिसकर्मियों की आतंकियों ने की हत्या

आतंकवादियों की इस वारदात को पंचायत चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है, ऐसा माना जा रहा है कि आतंकी कतई नहीं चाहते कि राज्य में पंचायत चुनाव हो. यही वजह है कि पंचायत चुनाव की घोषणा के केवल 24 घंटे के अंदर ही चार पंचायत घरों को आग के हवाले कर दिया गया था

jammu-kashmir-abduction-killing-3-policemen-terrorists
फोटो साभारः Google

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है. जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने जिन तीन पुलसिकर्मियों को अगवा किया था उनकी हत्या कर दी है, और एक एसपीओ के भाई को रिहा कर दिया है. इनका अपहरण गुरुवार रात कापरान गांव में से किया था. पुलिस सूत्रों के अनुसार, अगवा किए गए तीन विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) और एक एसपीओ का भाई है.

आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों को शोपियां के दो गांवों से अगवा किया था, जिसमें कापरीन और बतागुंड शामिल हैं. पुलिसवालों के गायब होने के बाद उन्हें ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया था.

ये भी पढ़ें- दीन दयाल उपाध्याय मर्डर मिस्ट्री: मधोक ने अटल बिहारी पर लगाया था हत्या का आरोप

बता दें कि, इससे पहले भी हिजबुल मुजाहिदीन के मुखिया रियाज नेको ने कश्मीर के स्पेशल पुलिस अफसरों को आगाह किया था, कि वह अपनी नौकरी छोड़ दें, आतंकी संगठन ने फिलहाल एसपीओ पर नौकरी छोड़ने का दबाव बनाया है और सियासी कार्यकर्ता भी निशाने पर हैं.

शोपियां में अगवाह किए गए तीन पुलिसकर्मी और 1 नागरिक की पहचान एसपीओ फिरदौस अहमद, एसपीओ कुलदीप सिंह, एसपीओ निसार अहमद धोबी, फयाज अहमद भट (निसार अहमद का भाई) के रूप में हुई है.

आतंकवादियों की इस वारदात को पंचायत चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है, ऐसा माना जा रहा है कि आतंकी कतई नहीं चाहते कि राज्य में पंचायत चुनाव हो. यही वजह है कि पंचायत चुनाव की घोषणा के केवल 24 घंटे के अंदर ही चार पंचायत घरों को आग के हवाले कर दिया गया था. जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं. ऐसे में इस तरह पुलिसकर्मियों का गायब होना सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल है.

ये भी पढ़ें- राम को धोखा देकर भाजपाई मुस्लिम बीवियों के वकील बन गए : तोगड़िया

Previous articleदस साल में 27 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर निकले, यूएन की रिपोर्ट
Next articleशिवराज को देना पड़ा सवर्णों को भरोसा, बगैर जांच एससी/एसटी में गिरफ्तारी नहीं