कर्नाटक में काफी लंबे समय के सियासी ड्रामे के बाद भारतीय जनता पार्टी नेता बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। बीजेपी की सरकार तो बन गई है परन्तु बीजेपी का खतरा अभी टला नहीं है, सरकार बनाए रखने के लिए उन्हें 29 जुलाई को फ्लोर टेस्ट पास करना होगा।, सूत्रों के मुतबिक, जनता दल सेक्युलर विधायकों ने एचडी कुमारस्वामी से कही है कि वह बाहर से बाहर से ही भाजपा का समर्थन देंगे। इस मामले पर शुक्रवार रात बैठक भी हुई। हालांकि आखिरी फैसला कुमारस्वामी ही लेंगे।
इस बैठक के बाद जेडीएस नेता और पूर्व मंत्री जीटी देवेगौड़ा ने कहा, “हम सभी ने पार्टी के साथ बने रहने का फैसला लिया है। कुछ जेडीएस विधायकों ने कुमारस्वामी को बाहर से भाजपा को समर्थन देने का सुझाव दिया है और कई अन्य विधायकों ने विपक्ष में बने रहकर पार्टी को मजबूत बनाने का सुझाव दिया है।”
साबित करना होगा बहुमत-
राज्य के नए मुख्यमंत्री बने येदियुरप्पा को विधानसभा में 29 जुलाई को बहुमत परीक्षण पास करना होगा। तीन विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद सदन की संख्या 222 बनी हुई है। येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 112 विधायकों का साथ चाहिए। ऐसे में बागी विधायकों का वोट उनके लिए काफी अहम है।
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे अयोग्य विधायक-
कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता खोने वाले ये विधायक अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। गुरुवार को स्पीकर आर रमेश कुमार ने दो कांग्रेस के विधायक रमेश जारकिहोली और महेश कुमातहल्ली, साथ ही कर्नाटक प्रजाकीय जनता पार्टी के विधायक आर शंकर को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहरा दिया है। ये विधायक मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक अयोग्य ही रहेंगे।