चुनाव गुरु प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री, नीतीश की मौजूदगी में हुए JDU में शामिल

प्रशांत किशोर 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाकर एक बड़े चुनावी रणनीतिकार के रूप में उभरे थे. पीके के रूप में फेमस किशोर 2014 के चुनाव के सियासी गलियारों ने खासा चर्चित कर दिया.

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फोटो साभारः Google

पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अब राजनीति में एंट्री ले ली है. वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में जेडीयू में शामिल हो गए हैं. प्रशांत किशोर रविवार को जेडीयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे जहां उन्होंने नीतीश की मौजूदगी में जेडीयू की सदस्यता ली. बता दें कि, साल 2015 में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के लिए बिहार चुनाव में रणनीतिकार की भूमिका निभाई थी.

इससे पहले जानकारी देते हुए प्रशांत किशोर ने खुद ट्वीट के जरिए कहा कि, वह अब पूरी तरह से राजनीति में आ गये हैं. प्रशांत किशोर ने रविवार की सुबह ट्वीट कर कहा- बिहार से नई यात्रा शुरू करने के लिए काफी उत्साहित हूं.

बता दें, आज बिहार की राजधानी पटना में आने वाले लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर जेडीयू की राज्यकार्यकारिणी की बैठक है. इस बैठक में जेडीयू की ओर से नेता, विधायक, सासंद सभी शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि, आगामी 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति क्या होगी, इससे खुद मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार अवगत कराएंगे. इस बैठक को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए जेडीयू की यह अहम बैठक माना जा रहा है.

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सूत्रों के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार दो महीने पहले ही अनौपचारिक रूप से पार्टी के नेताओं के लिए इस बात से अवगत करा चुके थे कि, प्रशांत किशोर अब जेडीयू का दामन थामेंगे और अपने अनुभवों से चुनावों को जिताने की भूमिका निभाएंगे. बताया जाता है कि नीतीश कुमार ने ही प्रशांत किशोर को कुर्ता-पायजामा पहनाया. पहली बार जब कुर्ता पायजामा प्रशांत ने पहना था, तभी कायास लगा लिये गये थे, कि प्रशांत अगर राजनीति में आएंगे तो उनका पड़ाव नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ही होगा.

2014 में भाजपा को दिलाई थी जीत

आपको बता दें, प्रशांत किशोर 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाकर एक बड़े चुनावी रणनीतिकार के रूप में उभरे थे. पीके के रूप में फेमस किशोर 2014 के चुनाव के सियासी गलियारों ने खासा चर्चित कर दिया. उन्होंने ही 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार को ‘मोदी लहर’ में बदल दिया था. वहीं प्रशांत की मुख्य भूमिका 2015 में बिहार में महागठबंधन को बड़ी जीत दिलाने में भी रही थी.

हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद भी ऐसी खबरें आईं कि नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच कुछ मतभेद चल रहा है. हालांकि, प्रशांत किशोर के जेडीयू में शामिल होने के ऐलान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार के साथ उनके पुराने मतभेद अभ खत्म हो गये हैं.

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