NIA की स्पेशल कोर्ट ने जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के 4 आतंकियों को 7 साल सश्रम जेल की सजा सुनाई है। आतंकियों के पास से बड़ी तादाद में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सामान, केमिकल, कंटेनर्स आदि बरामद किए गए थे। जांच में पता चला कि आतंकी बम और IED बनाकर देश में बड़े स्तर पर हिंसा करने की रणनीति बना रहे थे। NIA स्पेशल कोर्ट ने दोषियों के विरुद्ध IPC की धारा 120बी, 395, 452, 397, 399, 458, 468 और 471 और UAPA एक्ट की धारा 17, 18, 20 और 23 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत दोषी करार देते हुए आर्थिक दंड भी लगाया है।
सजा पाए दोषियों की पहचान कादर काजी उर्फ मिजानुर रहमान पिता स्वर्गीय बादल काजी निवासी बीरभूम जिला पश्चिम बंगाल, मुस्ताफिजुर रहमान उर्फ तुहिन निवासी बीरभूम जिला पश्चिम बंगाल, आदिल शेख पिता लालीजान शेख, निवासी मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल, अब्दुल करीम पिता अजिद शेख निवासी मुर्शिदाबाद के तौर पर हुई है। पहले इस केस में शुरुआत में कर्नाटक पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी लेकिन बाद में NIA ने फिर से केस दर्ज किया था।
इंक्वारी में पता चला है कि दोषियों ने आतंकी घटनाओं के लिए धन इकठ्ठा करने के लिए कई डकैती की। आतंकवादियों की साजिश थी कि वह बेंगलुरु में कई स्थान बम विस्फोट की घटनाओं को अंजाम दें। दोषियों ने धमाके की सामग्री के साथ ही एक रॉकेट लॉन्चर का भी परीक्षण किया था। जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश के बेंगलुरु केस में जांच एजेंसी ने अभी तक 11 आरोपियों को अरेस्ट किया और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इस केस में 3 दोषियों को पहले ही 7 साल सश्रम कारावास की सजा दी जा चुकी है .