राजकुमार राव की बीते दिनों एक फिल्म आई थी जिसका नाम था ‘मेरी शादी में जरूर आना’. फिल्म में हीरोइन के पीसीएस अफसर बनने के बाद हीरो को अपमानित किया जाता है. हीरो इस अपमान का बदला लेने के लिए कड़ी मेहनत करके हीरोइन से बड़ा अफसर बनता है.
कुछ यही कहानी है गाजीपुर के रहने वाले अमित वर्मा की. गाजीपुर के औड़िहार के रहने वाले अमित की जज गर्लफ्रेंड ने उसे ठुकरा दिया. अमित वर्मा ने इसे चुनौती के रूप में लिया जज बनकर दिखाया.
शादी से पहले लड़की बनी जज
अमित वर्मा के पिता की तमन्ना थी कि बेटा बड़ा होकर जज बने लेकिन अमित का मन कुछ और करने का था. पिता के सपने को पूरा करने के लिए साल 2004 में अमित ने इलाहाबाद में लॉ कालेज में एडमिशन तो लिया लेकिन पढ़ाई पूरी नहीं कि 2012 में अमित कोलकाता में अपनी परीक्षा के दौरान एक लड़की के संपर्क में आया. दोनों की दोस्ती का जरिया बनी फेसबुक. इनकी दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई और बात शादी तक पहुंची. लेकिन इसी बीच युवती जज की परीक्षा पास कर गई.
लड़की के जज बनने के बाद कुछ दिनों तक उन दोनों तक तो उनका रिश्ता सामान्य रहा लेकिन फिर बाद में लड़की अमित को बेरोजगारी के ताने देने लगी. अमित को यह बात बुरी लग गई और उसने फिर से जज बनने की ठान ली.
जिसके बाद उसने सिलीगुड़ी से लॉ की डिग्री. उसके बाद 2015 में उसने बीएचयू से एलएलएम किया. इस बीच लड़की की शादी कही और हो गई जिससे अमित डिप्रशन में आ गया. लेकिन अमित ने जज बनने की अपनी जीद नहीं छोड़ी और साल 2017 में सिविल जज इंट्रेस परीक्षा दी और अब जब उसका रिजल्ट आया है तो उसे 152वीं रैंक मिली है.