‘फानी’ के आने में बस कुछ घंटे शेष, ओडिशा और आंध्र में बचाव की तैयारियां युद्धस्तर पर

नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान फानी के आने में कुछ घंटे बचे हैं। इसके शुक्रवार को ओडिशा के तट से टकराने की आशंका है। ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में इसका सर्वाधिक प्रभाव पड़ सकता है। इन राज्यों के तटवर्ती इलाकों में तूफान की ताकत के संकेत गुरुवार से ही देखे जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में समुद्र में 10-12 फुट ऊंची लहरें देखी जा रही हैं। इसके साथ ही बड़े इलाके में तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश के जिन इलाकों में तूफान के असर की सबसे अधिक आशंका है, वहां व्यापक स्तर पर बचाव की तैयारियां की गई हैं। इन इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

चक्रवाती तूफान के शुक्रवार (3 मई) को ओडिशा के तट से टकराने के दौरान हवा की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है। इसे लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है, जिसमें सबसे ज्यादा ख़तरा ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए है। इसे देखते हुए बड़ी संख्या में एनडीआरएफ की टीमें ओडिशा और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के इचाकपुरम और श्रीकाकुलम पहुंच चुकी हैं। तूफान से आंध्र प्रदेश के इचाकपुरम्, श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापट्टनम् जैसे जिलों के प्रभावित होने की आशंका है। ओडिशा के गंजम, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर और बालासोर जैसे तटीय जिलों में चक्रवाती तूफान का काफी असर पड़ेगा। पश्चिम बंगाल के पूर्वी व पश्चिमी मेदिनीपुर, उत्तर व दक्षिणी 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता में भी इसका असर हो सकता है। शुक्रवार 10-12 बजे पुरी तट पर टकराएगा फानी शुक्रवार सुबह दस से 12 बजे के बीच पुरी के आसपास लैंड फॉल कर सकता है।

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विशेष राहत कमिश्नर कार्यालय के मुताबिक वर्तमान में यह पुरी से 360 किमी दूर है और 16 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। पुरी के सातपड़ा इलाके में यह तूफान भूमि को स्पर्श करेगा। इसके प्रभाव में तटीय इलाकों में 170 से 180 किमी की गति से तेज हवाएं चलेंगी। कुछ स्थानों पर हवा की रफ्तार 200 किमी भी हो सकती है। गुरुवार सुबह 10 बजे तक ओडिशा के तटीय इलाकों से 25 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राज्य के 13 जिलों के सात लाख लोगों को तटीय इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में कुल 3000 तूफान आश्रय स्थल बनाए गए हैं। आतंकित न हों, राज्य सरकार पूरी तरह तैयार : पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जनता से तूफान को लेकर आतंकित नहीं होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सरकार तूफान से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जीवन हमारे लिए मूल्यवान है। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर तूफान से बचाव की पूर्व की तैयारियों की समीक्षा की।

आंध्र प्रदेश में व्यापक तैयारियां उधर, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भी तूफान की आशंका को देखते हुए व्यापक स्तर पर बचाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है। गुरुवार को श्रीकाकुलम इलाकों में 10-15 फुट ऊंची समुद्री लहरें देखी गईं। साथ ही पलासी, टक्कली, संताबोम्माली और श्रीकाकुलम शहर में तेज बारिश शुरू हो गई है। इच्छापुरम, पार्वतीपुरम सहित कई अन्य इलाकों में तेज हवा के कारण बिजली के खंभे उखड़ गए जिससे यहां बिजली आपूर्ति रोक दी गई है। तूफान प्रभावित इलाकों में पुनर्वास केंद्र बनाए गए हैं। जिलाधिकारी ने पुनर्वास केंद्रों का दौरा कर व्यवस्था का जायजा लिया। लोगों ने जिले के इच्छापुरम, सोमपेट, कविती, पलासा और मंदना पुनर्वास केंद्रों में शरण ले रखी है।

नायडू ने पटनायक से की फोन पर बात गुरुवार सुबह 10 बजे के बाद श्रीकाकुलम जिले से गुजरने वाली रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। ईस्ट कोस्ट रेलवे की परिधि में 103 रेलगाड़ियां निरस्त कर दी गई हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव एलवी सुब्रह्मण्यम ने गुरुवार को तूफान से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को फोन कर हरसंभव मदद की पेशकश की है।

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