कांग्रेस के हुए सांसद कीर्ति आजाद, राहुल गांधी ने दिलाई सदस्‍यता

नई दिल्ली। भाजपा से लंबे समय से निलंबित चल रहे पार्टी सांसद कीर्ति आजाद ने आधिकारिक रुप से कांग्रेस का दामन थाम लिया है। सोमवार को कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने आजाद को पार्टी की सदस्‍यता दिलाई। कीर्ति ने भी ट्वीट करके इस बात की जानकरी दी। उन्‍होंने लिखा, ‘‘मैंने मिथिला की परंपरा के अनुसार राहुल गांधी को मखाना की माला, पाग और चादर से सम्मानित किया।’’

बिहार के दरभंगा से लोकसभा सांसद आजाद 15 फरवरी को कांग्रेस में शामिल होने की औपचारिक घोषणा करना चाहते थे, लेकिन पुलवामा आतंकी के चलते इसे टाल दिया गया था। कीर्ति दिल्‍ली से भी एक बार सांसद रह चुके हैं।

मैंने घर वापसी की है

पार्टी ज्वाइनिंग के मौके पर कीर्ति आजाद ने राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं को मिथिला क्षेत्र की टोपी ‘पाग’ पहनाकर सबका अभिनंदन किया। इस अवसर पर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह भी मौजूद रहे।

इस मौके पर आजाद ने कहा, ‘मैंने 26 साल तक भाजपा की सेवा की। लेकिन जबसे यह सरकार बनी, तबसे उनका असली चेहरा सामने आने लगा। मैं अपने पिता भगवत झा आजाद की पार्टी में आया हूं। मैंने घर वापसी की है।” उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने देश की अखण्डता के लिए काम किया। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि राहुल गांधी जी ने मुझे अपनाया है।’

आजाद ने दावा किया, ‘पांच साल तक सिर्फ जुमले सुने हैं। डीडीसीए के कागजात मेरे पास थे। उसके भ्रष्टाचार की बात कर रहा था। लेकिन मेरी नहीं सुनी गई।” उन्होंने कहा, “जब सब कागजात रखे तो मेरी पीठ में छुरा घोंपा गया। फिर यह समझ आ गया कि ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ भी एक जुमला साबित हुआ।”

कई बार पार्टी के खिलाफ बोले हैं आजाद

आपको बता दें कि कीर्ति आजाद 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर दरभंगा से सांसद चुने गए थे। उन्‍होंने कई बार पार्टी के खिलाफ बयान दिया था। उन्‍होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी डीडीसीए में घोटाले का आरेाप लगाते हुए निशाना साधा था। इसके बाद आजाद को पार्टी से निलंबित कर दिया गया।

मिथिलांचल राजनीति का बड़ा हिस्‍सा माने जाते हैं आजाद

कीर्ति आजाद को मिथिलांचल की राजनीति का बड़ा चे‍हरा माना जाता है। वो 1999 और 2009 में सांसद चुने गए थे। उनके पिता भागवत झा आजाद कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता थे। वो बिहार के मुख्यमंत्री भी बने थे।

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