जानिए अयोध्या सुनवाई से खुद को अलग करने वाले जस्टिस यू यू ललित की पूरी दास्तां

आज 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि अयोध्या-बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन सुनवाई को 29 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया. इसका कारण रहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों की बेंच से जस्टिस यू यू ललित ने खुद को अलग कर दिया.

आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पांच सदस्यों की बेंच सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में होने वाली थी. पांच सदस्यों में पहले जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस उदय यू ललित और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ शामिल थे. अब खबरें आ रही हैं कि एक नई बेंच का गठन किया जाएगा.

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जस्टिस ललित ने क्यों किया खुद को अलग

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने जस्टिस यूयू ललित पर सवाल उठाए और कहा कि साल 1994 में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पैरवी के लिए ललित कोर्ट में पेश हुए थे और कल्याण सिंह की पैरवी की थी.

जस्टिस ललित के पक्ष में चीफ जस्टिस ने कहा कि आप खेद क्यों जता रहे हैं, आपने केवल तथ्य सामने रखे थे. वहीं केंद्र सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमें यूयू ललित से कोई समस्या नहीं है.

इसके बाद जस्टिस यूयू ललित ने खुद को इस संवैधानिक बेंच से अलग कर लिया और सुनवाई को टाल दिया गया.

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क्या हुआ था 1994 में ?

दरअसल, 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद ध्वस्त किया गया था, उस वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने शपथपत्र दिया था कि बाबरी मस्जिद के ढांचे को यथावत रखेंगे लेकिन 6 दिसंबर को ढांचा गिराया गया और कल्याण सिंह अपनी शपथ पर कायम नहीं रह पाए. 24 अक्टूबर 1994 को कोर्ट की अवमानना करने के लिए कल्याण सिंह 1 दिन की सजा के साथ 20 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई. इसी को लेकर जस्टिस (तत्कालीन वकील) यूयू ललित ने केस में कल्याण सिंह की पैरवी की थी.

कौन हैं जस्टिस ललित?

जस्टिस ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र में हुआ था. उनके पिता जस्टिस उदय अमित ललित भी एक जाने माने वकील थे। दिसंबर 1985 तक उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट में वकालत और फिर दिल्ली चले गए। 13 अगस्त, 2014 को ललित सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए और 8 नंवबर 2022 को वो सेवानिवृत्ति होंगे.

जस्टिस ललित ये केस लड़ चुके हैं

बता दें कि अपनी करियर में जस्टिस यूयू ललित ने कई केस लड़े हैं.
  1. जस्टिस ललित ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह की पैरवी की थी.
  2. ललित 2 जी मामले में आरोपियों की पैरवी भी कर चुके हैं.
  3. जस्टिस ललित ने भ्रष्टाचार मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पैरवी की थी.
  4. उन्होंने सदोष मानव हत्या मामले में नवजोत सिंह सिद्दू की पैरवी की थी.
  5. वह कई आपराधिक मामले भी लड़ चुके हैं। जिनमें से एक मामला हसन अली के खिलाफ था. पुणे के बिजनेसमैन हसन अली पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा था.
  6. काला हिरण मामले में अभिनेता सलमान खान की पैरवी कर चुकी हैं.
  7. वह तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने वाली बेंच में भी शामिल थे.

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