गुवाहाटी। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने आज विधानसभा में हुंकार भरते हुए एलान किया कि वो राज्य में मुस्लिम बच्चियों की कम उम्र में शादी कर उनकी जिंदगी तबाह करने नहीं देंगे। हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि जब तक वो जीवित हैं, ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि पिछले दिनों ही हिमंत बिस्व सरमा सरकार ने मुस्लिमों के विवाह और तलाक संबंधी कानून को रद्द कर दिया था। इसकी जगह स्पेशल मैरिज एक्ट मुस्लिमों पर लागू किया गया था। हिमंत बिस्व सरमा की सरकार असम में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू करने की दिशा में काम कर रही है। पहले भी उनकी सरकार ने बाल विवाह करने वाले तमाम लोगों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।
कांग्रेस के लोग सुन लें, जब तक मैं, हिमंत बिस्वा सरमा ज़िंदा हूं, तब तक असम में छोटी बच्चियों का विवाह नहीं होने दूँगा। आप लोगों ने मुस्लिम समुदाय की बेटियों को बर्बाद करने की जो दुकान खोली है उन्हें पूरी तरह से बंद किए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे। pic.twitter.com/3yXLi4C23o
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 26, 2024
हिमंत बिस्व सरमा ने सीएम बनने के बाद असम में तमाम मदरसों को भी बंद कर वहां स्कूल खोलने के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद मदरसों को बंद किया गया। इससे राजनीतिक तूफान खड़ा हुआ था, लेकिन हिमंत बिस्व सरमा अपने रुख पर अड़े रहे। उन्होंने हलाला और मुस्लिमों में 4 शादियों के चलन के खिलाफ भी सरकार की तरफ से कदम उठाए जाने के बारे में बयान दिया था। हिमंत बिस्व सरमा के इन फैसलों का मुस्लिम नेताओं ने जमकर विरोध किया है। तलाक और शादी संबंधी कानून रद्द करने पर मुस्लिम नेता अजमल और सपा के सांसद एसटी हसन भी बयान दे चुके हैं। दोनों ने कहा था कि मुस्लिम हमेशा शरीयत को ही मानता रहा है और वो शरीयत को ही आगे भी मानेगा।
मुस्लिम नेताओं के इन्हीं बयानों के बाद अब हिमंत बिस्व सरमा ने असम विधानसभा में ताजा बयान देते हुए मुस्लिम बच्चियों की जिंदगी तबाह करने का मुद्दा उठाया है। माना जा रहा है कि जल्दी ही उनकी सरकार यूसीसी लाने का फैसला भी ले सकती है। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पहले ही यूसीसी का बिल अपनी विधानसभा में पास करा चुकी है।