मुंबई। कांग्रेस को महाराष्ट्र में बड़ा धक्का लगा है। बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया है। बाबा सिद्दीकी ने एक्स पर लिखा कि वो युवा रहते वक्त कांग्रेस में शामिल हुए थे। बाबा सिद्दीकी ने लिखा कि 48 साल तक कांग्रेस के साथ महत्वपूर्ण यात्रा रही। अब वो कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। बाबा सिद्दीकी ने लिखा कि कुछ चीजें अनकही रह जाएं, तो बेहतर है। सभी को उन्होंने साथ देने के लिए धन्यवाद दिया है। बाबा सिद्दीकी के इस पोस्ट से लग रहा है कि कांग्रेस के कामकाज के तौर-तरीकों से वो खुश नहीं थे। बाबा सिद्दीकी के बारे में पिछले दिनों चर्चा चली थी कि वो अजित पवार की एनसीपी के साथ जुड़ने वाले हैं। खास बात ये है कि एनसीपी को अजित पवार ने चुनाव आयोग के फैसले से हासिल किया और बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा की है।
I joined the Indian National Congress party as a young teenager and it has been a significant journey lasting 48 years. Today I resign from the primary membership of the Indian National Congress Party @INCIndia with immediate effect. There’s a lot I would have liked to express…
— Baba Siddique (@BabaSiddique) February 8, 2024
बॉलीवुड सेलेब्रिटीज के साथ अपने निजी रिश्तों की वजह से बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी हमेशा चर्चा में रहे हैं। रमजान के दौरान उनकी इफ्तार पार्टियां भी सुर्खियां बटोरती रही है। बाबा सिद्दीकी मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले हैं। कांग्रेस के टिकट पर बाबा सिद्दीकी लगातार 3 बार मुंबई की बांद्रा पश्चिम सीट से महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंचते रहे हैं। खास बात ये है कि बाबा सिद्दीकी भी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच के दायरे में रहे हैं। साल 2017 में ईडी ने झुग्गी पुनर्वास अधिकरण में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में बाबा सिद्दीकी समेत कई के यहां छापा मारा था। ईडी ने बाबा सिद्दीकी की 462 करोड़ की संपत्ति भी साल 2018 में जब्त की थी।
बाबा सिद्दीकी ने छात्र नेता के तौर पर सियासत शुरू की थी। वो इसके बाद बीएमसी के पार्षद भी रहे। साल 1999, 2004 और 2009 में वो विधायक बने। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बाबा सिद्दीकी बीजेपी के आशीष शेलार से मुकाबले में विधायक का चुनाव हार गए थे। बाबा सिद्दीकी की पत्नी शहजीन हाउसवाइफ हैं और बेटी अर्शिया पेशे से डॉक्टर हैं। लोकसभा चुनाव से पहले इस अल्पसंख्यक बड़े चेहरे को गंवाने से महाराष्ट्र कांग्रेस को तगड़ा झटका लगना तय है।