संसद Live : लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पेश , कांग्रेस ने किया विरोध का एलान

केंद्र सरकार एक बार फिर आज लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पेश करने जा रही है। बिल पेश होने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता की खबर आ रही है। एनडीए गठबंधन में बीजेपी की साथी जनता दल (यू) तीन तलाक बिल का विरोध करेगी। इससे पहले भी जदयू इसपर विरोधी स्वर अपनाती रही है।

केंद्र सरकार बिल को पारित करने की आज पूरी कोशिश करेगी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को इसके लिए व्हिप जारी किया है और उनसे सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी आज अपने राज्यसभा सांसदों को सदन में उपस्थित होने के लिए व्हिप जारी किया है।

एनसीपी सांसद वंदना ने देशभर के स्कूलों में पहली कक्षा में प्रवेश की विसंगतियों को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है। कांग्रेस सांसद सुरेश ने सोनभद्र (यूपी) में आदिवासियों और दलितों के खिलाफ अपराध में वृद्धि को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने केंद्रीय सरकार और सार्वजनिक संस्थानों में रोजगार से एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के युवाओं को वंचित करने के लिए ईडब्ल्यूएस कोटे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद सरोज पांडे और अजय प्रताप सिंह ने देश में बढ़ती आबादी के कारण और और एक साथ चुनाव को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है।

जनता दल (यू) का मानना है कि सरकार की तरफ इस बिल पर किसी तरह की चर्चा नहीं की गई है। इसके अलावा जदयू की आपत्ति है कि तीन तलाक का अपराधीकरण होने के बाद पीड़ित महिलाओं की परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसके अलावा बेल पर नियम को लेकर आम लोगों की राय के साथ साथ, सियासी दलों से चर्चा करना जरूरी था।

केंद्र सरकार एक बार फिर आज लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पेश करने जा रही है। बिल पेश होने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता की खबर आ रही है। एनडीए गठबंधन में बीजेपी की साथी जनता दल (यू) तीन तलाक बिल का विरोध करेगी। इससे पहले भी जदयू इसपर विरोधी स्वर अपनाती रही है।

केंद्र सरकार बिल को पारित करने की आज पूरी कोशिश करेगी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को इसके लिए व्हिप जारी किया है और उनसे सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी आज अपने राज्यसभा सांसदों को सदन में उपस्थित होने के लिए व्हिप जारी किया है।

एनसीपी सांसद वंदना ने देशभर के स्कूलों में पहली कक्षा में प्रवेश की विसंगतियों को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है। कांग्रेस सांसद सुरेश ने सोनभद्र (यूपी) में आदिवासियों और दलितों के खिलाफ अपराध में वृद्धि को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने केंद्रीय सरकार और सार्वजनिक संस्थानों में रोजगार से एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के युवाओं को वंचित करने के लिए ईडब्ल्यूएस कोटे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद सरोज पांडे और अजय प्रताप सिंह ने देश में बढ़ती आबादी के कारण और और एक साथ चुनाव को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है।

जनता दल (यू) का मानना है कि सरकार की तरफ इस बिल पर किसी तरह की चर्चा नहीं की गई है। इसके अलावा जदयू की आपत्ति है कि तीन तलाक का अपराधीकरण होने के बाद पीड़ित महिलाओं की परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसके अलावा बेल पर नियम को लेकर आम लोगों की राय के साथ साथ, सियासी दलों से चर्चा करना जरूरी था।

संसद में आज का एजेंडा –

लोकसभा में आज तीन तलाक को अपराध बनाने वाला बिल चर्चा के लिए लाया जाएगा, इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा राज्यसभा में आज RTI संशोधन बिल और इंसोल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड में बदलाव से जुड़ा बिल पेश किया जाएगा। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल RTI बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग पर अड़े हैं। लोकसभा के एजेंडे में आज इंडियन मेडिकल काउंसिल बिल और डीएनए टेक्नोलॉजी बिल भी शामिल है।

लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा –

लोकसभा में आज बहुप्रतिक्षित मुस्लिम महिला विधेयक यानी तीन तलाक बिल लाया जाएगा। यह बिल पिछली लोकसभा से पारित हो चुका है लेकिन राज्यसभा में सरकार यह बिल पारित कराने में विफल रही थी। सरकार इसके लिए अध्यादेश भी लेकर आई है। बिल पर चर्चा होने से पहले बीजेपी ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, ताकि सभी सांसद बिल पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद रहें। सरकार में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस बिल को 12.30 बजे चर्चा के लिए रखेंगे और इसे आज ही पास कराने की कोशिश की जाएगी।
पेश हो चुका है तीन तलाक बिल –
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 21 जून को लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश कर दिया था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बिल का ड्राफ्ट का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस बिल से मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा नहीं होगी बल्कि उनकी दिक्कतों और बढ़ जाएंगी। थरूर के बाद ओवैसी ने भी तीन तलाक बिल का विरोध किया है। लोकसभा में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने तीन तलाक बिल पर डिवीजन की मांग की थी और फिर वोटिंग के बाद बिल को पेश कर दिया गया था।
बीजेपी सांसद सरोज पांडे एक साथ चुनाव कराने का मुद्दा और अजय प्रताप देश की बढ़ती जनसंख्या का मुद्दा शून्य काल के दौरान राज्य सभा में उठाएंगे। इसके अलावा एनसीपी की वंदना चव्हाण पहली कक्षा स्कूल एडमिशन से जुड़ा मुद्दा सदन में उठाएंगी। राज्यसभा में आज RTI संशोधन बिल पेश हो सकता है और इसीलिए कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस बिल के खिलाफ हैं और इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रहे हैं। लोकसभा से यह बिल पास हो चुका है।
अधीर रंजन ने पूछा AMU के सेंटर का सवाल-
लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पूरे देश में सबसे ज्यादा मुस्लिम मेरे जिले मुर्शिदाबाद में रहते हैं और वहां AMU का एक केंद्र बनाया गया था, सरकार ने वहां जमीन और फंड का आवंटन भी किया था। लेकिन इस सरकार में उस केंद्र को चवन्नी तक नहीं दी गई है और मुस्लिमों के लिए बनाए गए उस केंद्र के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने यह सवाल अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से पूछा है। जवाब में नकवी ने कहा कि पिछली सरकारों ने जो गलतियां की थी उसे हम ठीक करने के लिए काम करेंगे, क्योंकि यह काम सशक्तिकरण के लिए बल्कि तुष्टीकरण के लिए किया गया था।
राज्यसभा में जेडीयू सांसद कहकशां परवीन ने रेल में महिलाओं की डिलीवरी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ट्रेनों में भी डॉक्टरों की सुविधा होनी चाहिए, क्योंकि ऐसे कई मामले आते हैं जब महिलाओं का ट्रेन में ही प्रसव हो जाता हैृ। उच्च सदन में शून्य काल के दौरान बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों को अगवा कर जबर धर्म परिवर्तन कराने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पुलवामा एयर स्ट्राइक के बाद ये मामले और बढ़ गए हैं। राजस्थान के कई परिवार वहां से आए हैं और उन्होंने यह शिकायत की है. सांसद ने बताया कि गुरुद्वारों में जबरन घुसकर ऐसा कराया जा रहा है।
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में प्रश्न काल शुरू हो चुका है और सदन में हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण से जुड़े सवाल पूछ जा रहे हैं। राज्यसभा में नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। सदन में तमिलनाडु से चुनकर आए एन चंद्रशेखरन ने सदस्यता की शपथ ली। इसके बाद वहीं से वाइको समेत 4 अन्य सांसदों ने शपथ ग्रहण किया। उच्च सदन में अब शून्य काल के दौरान अहम विषयों को सभापति की इजाजत के बाद उठाया जा रहा है।
 
पुराने कानूनों को खत्म करना जरूरी: रविशंकर प्रसाद-
जल शक्ति मंत्री ने सदन में कहा कि पहले यह बिल स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जा चुका है, लेकिन वहां से लौटाए जाने के बाद 16वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म हो गया और अब बिल को फिर से पेश किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निरसन और संशोधन बिल को लोकसभा में पेश करने का प्रस्ताव रखा है। इस बिल के जरिए पुराने कानूनों को खत्म करने का प्रावधान है। मंत्री ने बताया कि 1458 कानून को वापस लिया गया है और आज 58 और कानून को खत्म किया जा रहा है। साथ ही कोई दो कानून जो एक हो सकते हैं, उन्हें भी किया जाएगा। कांग्रेस के शशि थरूर ने इस बिल के प्रस्ताव का विरोध किया है।
निरसन और संशोधन बिल पेश-
लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि ब्रिटिश जमाने के पुराने कानूनों पर विचार करना जरूरी है। टीएमसी के कल्याण बनर्जी ने कहा कि हमें बिल को पढ़ने का मौका तो दे सरकार, हम बिल का विरोध नहीं कर रहे हैं। कानून मंत्री ने निरसन और संशोधन बिल को पेश करने से पहले कहा कि इस पर चर्चा के दौरान विपक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकता है। इसके बाद स्पीकर की अनुमति पर कानून मंत्री ने बिल को सदन में पेश कर दिया।
कंपनी संशोधन बिल पेश : निर्मला सीतारमण-
वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि कंपनी संशोधन बिल का एक इतिहास है और उस जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम एक से दूसरे अध्यादेश की ओर बढ़ते रहे और इस विषय पर दो बार बिल पास भी हो चुका है। इस बार फिर से बिल लेकर आए हैं क्योंकि राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो पाया था। वित्त मंत्री ने कहा कि अध्यादेश की जगह बिल लेगा और इसे सहमति से पारित करेंृ। इसके बाद वित्त मंत्री ने कंपनी संशोधन बिल सदन में पेश कर दिया है।
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनी संशोधन बिल को पेश करने की इजाजत मांगी। इस पर टीएमसी सौगत राय ने कहा कि इस बिल के बारे में कोई नोटिस नहीं दिया गया। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी बिल को पेश करने का विरोध करते हुए कहा कि सदन में स्पीकर से लेकर सदस्य तक कोई भी हो, उसे सदन के नियमों का पालन करना चाहिए। चौधरी ने कहा कि सरकार पहले से बगैर बताए और नोटिस दिए कोई बिल या संशोधन लेकर आती है, लेकिन विपक्ष बार-बार सरकार को इसका मौका नहीं दे सकता
लैंगिक न्याय संविधान का मूल दर्शन: रविशंकर
तीन तलाक बिल पर बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि क्या मुस्लिम बहनों को ऐसी हालत में अकेला छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया के 20 इस्लामिक देशों ने तीन तलाक को बैन किया है तो भारत क्यों नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट इसे गलत बता चुका है, कानून बनाने का आदेश भी दिया है, अब क्या कोर्ट के फैसले को पीड़ित बहने घर में टांगे, कोई कार्रवाई नहीं होगी। प्रसाद ने कहा कि भारत के संविधान में लैंगिक न्याय एक मूल दर्शन है और किसी समाज की महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार के लिए लैंगिक न्याय एक अहम मुद्दा है और इसके लिए कई कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
तीन तलाक बिल पर चर्चा शुरू –
लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल को सदन में चर्चा के लिए रख दिया है। लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल को सदन में चर्चा के लिए रख दिया है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक की पीड़ित मुस्लिम बहनों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला देते हुए तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था। इसके बाद कोर्ट ने इस शरिया के खिलाफ भी बताया था। कोर्ट ने अपने फैसले में इस पर कानून बनाने की मांग की और अन्य मुस्लिम देशों को भी देखा जहां शरिया को बदला गया हैृ। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोर्ट की कड़ी टिप्पणी और कानून के बाद भी यह मामले रुके नहीं है और 574 मामले आए हैं और कोर्ट के फैसेल के बाद भी तीन सौ से ज्यादा मामले आए हैं।
यह इंसाफ और इंसानियत का सवाल: कानून मंत्री
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि तीन तलाक के मामले में सदन की आवाज खामोश नहीं रहेगी, मेरे लोकसभा में चुने जाने से एक आवाज खामोश हो गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले को सियासी चश्मे से नहीं, धर्म और सियासत से नहीं, इंसाफ और इंसानियत से देखा जाना चाहिए। प्रसाद ने कहा कि यह नारी न्याय और नारी सम्मान का मामला है। उन्होंने कहा कि पहले जब हम इस बिल को लेकर आए थे तब कुछ आशंकाएं थी, उन्हें अब मिटाया गया है। अब पीड़ित और उसके रिश्तेदार ही केस कर सकते हैं, बेल के लिए मजिस्ट्रेट को अधिकार दिए हैं लेकिन पीड़ित के सुनवाई के बाद ही ऐसा हो सकता है। उन्होंने सदन से एक सुर में इस बिल को पास करने की अपील की।
हक अदा कर रहे हैं PM मोदी: मीनाक्षी लेखी
लोकसभा में बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने तीन तलाक के पक्ष में बोलते हुए कहा कि एक धार्मिक देश में धर्म निरपेक्ष राज्य बनाना ही नेहरू की तरह पीएम मोदी के लिए सबसे बड़ी दिक्कत है। उन्होंने कहा कि धार्मिक कानून गलत हैं और उस सोच को ठीक करना जरूरी है। लेखी ने कहा कि बाबा साहब भी हिन्दू कानूनों को रोकना चाहता थे और बाद में इसी वजह से उन्होंने कांग्रेस छोड़ी। उन्होंने कहा कि संविधान का कानून किसी एक कौम के लिए नहीं बल्कि भारत की पूरी जनता के लिए है। उन्होंने कहा कि तलाक का अधिकार सभी को है, हिन्दू महासभा की गलती पर भी बात करूंगी और मुस्लिमों की गलत प्रैक्टिस को भी बंद करने पर भी बात करूंगी। लेखी ने कहा कि पीएम मोदी हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री होने का हक अदा कर रहे हैं जो नेहरू के बाद राजीव गांधी ने नहीं अदा किया था। विपक्ष मानता है कि हिन्दू पीएम मोदी मुस्लिम महिलाओं का भाई नहीं हो सकता।
लोकसभा में RSP पार्टी एनके प्रेमचंद्रन ने तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वसहमति से फैसला नहीं दिया है और 5-3 से इस पर फैसला हुआ है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक को लेकर जजों के पक्ष भी अलग-अलग थे। प्रेमचंद्रन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अल्पमत के फैसले के आधार पर सरकार यह बिल लेकर आई है। उन्होंने कहा कि सबरीमाला के मुद्दे पर भी सरकार अपना पक्ष सदन में रखे। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के रूप में बिल लेकर आना संविधान के साथ धोखा है। साथ ही उन्होंने कहा कि केस होने के बाद भी शादी नहीं टूटेगी, ऐसे में पीड़िता महिला का क्या होगा।
मीनाक्षी और अखिलेश में तीखी बहस –
लोकसभा में अखिलेश यादव और मीनाक्षी लेखी के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली, जब मीनाक्षी लेखी ने यूपी में तीन तलाक के बढ़ते मामलों के लिए अखिलेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आपकी सरकार में शरिया अदालतें चलती रहीं और उनसे ऐसे मामलों को बढ़ावा मिला। अगर अखिलेश ने शरिया कोर्ट बंद कर दिए होते तो महिलाओं के साथ अन्याय नहीं होता, किस तरह के मुख्यमंत्री हैं ये। इस पर अखिलेश ने अपनी बात कहने की इजाजत मांगी लेकिन चेयर की ओर से उन्हें बोलने नहीं दिया गया। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने इस पर कहा कि अखिलेश वरिष्ठ सदस्य हैं और उन्हें किसी महिला सांसद को बोलने से नहीं रोकना चाहिए बल्कि अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए।
तीन तलाक को छोड़ पहले ऑनर किलिंग पर कानून बनाए सरकार: कनिमोझी का वार
डीएमके सांसद कनिमोझी ने तीन तलाक बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस बिल को पास कराने की इतनी जल्दी क्यों है। इस तरह से देश में बंटवारे का संदेश जा सकता है, क्या आप यही चाहते हैं। आप लोग अभी तक महिला आरक्षण बिल को लेकर सरकार ने कुछ नहीं किया है, महिलाओं के हक पर बात करने से पहले उस बिल को लागू कीजिए। कनिमोझी ने कहा कि क्या आपने कभी ऑनर किलिंग को लेकर बिल लाने की सोची है, आपने उसके लिए किसी तरह का कानून बनाया है। बीजेपी के नेता आजादी की बात कर रहे हैं लेकिन आज देश में खाने,पहनने की आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रॉपर्टी का हक महिलाओं को देने वाले बिल पर अभी कोई बात नहीं हो रही है, तमिलनाडु में पहले ही इस तरह का बिल आ चुका है। उन्होंने कहा कि क्या ये बिल पुरुषों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। अगर सरकार मुस्लिम महिलाओं की भलाई चाहती है तो फिर उन्हें पुरुषों के लिए भी सोचना चाहिए। इतना ही नहीं कनिमोझी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ मुस्लिम महिलाएं ही क्यों हिंदू महिलाओं की भी चिंता सरकार को करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने सबरीमाला पर भाजपा के रुख पर सवाल खड़े किए।
TMC की मांग स्टैंडिंग कमेटी के पास जाए बिल-
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हमारी पार्टी महिला सशक्तिकरण के हक में है लेकिन ये बिल वैसा बिल्कुल नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि कई मुसलमान ऐसे भी हैं जो महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन इस तरह के बिल का वो भी विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर पुरुष जेल में चला जाएगा और फिर उसे ही महिला और बच्चे का ध्यान रखने को कहा जाएगा तो ये कैसे संभव हो पाएगा। सांसद ने कहा कि हमारी पार्टी ने महिलाओं को लोकसभा चुनाव में अधिक टिकट दिए, हमारी पार्टी की प्रमुख महिला हैं और मुख्यमंत्री भी महिला हैं। अगर आप यहां पास करा लेंगे तो राज्यसभा में बिल को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, ऐसे में अभी ही आप इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दीजिए।
पहले भी खत्म की गईं सामाजिक कुरीतियां: नकवी
इसके बाद जब केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी बोलने लगे तो हंगामा हो गयाृ। नकवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हम इस बिल को लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि सती प्रथा और बाल विवाह की कुरीतियों को खत्म करने के लिए बड़े आंदोलन हुए और उस वक्त में कुछ लोगों ने धर्म के नाम पर इनका न खत्म करने की बात कही थी। आज के वक्त में तीन तलाक भी ऐसी ही सामाजिक बुराई है। नकवी ने कहा कि लैंगिक समानता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इसे सभी को मिल कर इस सदन से पास करना चाहिए. कुछ लोगों को इस बिल के समर्थन से वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है लेकिन यह बिल सुधार के साथ है, आपके उधार के साथ नहीं है.
BJD ने किया तीन तलाक बिल का समर्थन
लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान बीजेडी सांसद अनुभव मोहंती ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में हम इस बिल का समर्थन करते हैं और सांसद के तौर पर यह हमारी जिम्मेदारी भी है. उन्होंने कहा कि ओडिशा में बीजेडी सरकार ने महिलाओं को बराबर का प्रतिनिधित्व दिया है और विधायकाओं में उनकी संख्या बढ़ी है. मोहंती ने कहा कि तीन तलाक से महिलाओं में हमेशा भय का माहौल बना रहता है, लेकिन यह बिल महिलाओं को वह बराबरी दिलाएगा जो उन्हें संविधान के तहत मिली हुई है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों ने तक तीन तलाक को खारिज कर दिया है तो हम इसे अपने यहां क्यों लागू किए हुए हैं
पहले भी खत्म की गईं सामाजिक कुरीतियां: नकवी
इसके बाद जब केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी बोलने लगे तो हंगामा हो गया। नकवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हम इस बिल को लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि सती प्रथा और बाल विवाह की कुरीतियों को खत्म करने के लिए बड़े आंदोलन हुए और उस वक्त में कुछ लोगों ने धर्म के नाम पर इनका न खत्म करने की बात कही थी। आज के वक्त में तीन तलाक भी ऐसी ही सामाजिक बुराई है। नकवी ने कहा कि लैंगिक समानता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इसे सभी को मिल कर इस सदन से पास करना चाहिए। कुछ लोगों को इस बिल के समर्थन से वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है लेकिन यह बिल सुधार के साथ है, आपके उधार के साथ नहीं है।
BJD ने किया तीन तलाक बिल का समर्थन-
लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान बीजेडी सांसद अनुभव मोहंती ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में हम इस बिल का समर्थन करते हैं और सांसद के तौर पर यह हमारी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में बीजेडी सरकार ने महिलाओं को बराबर का प्रतिनिधित्व दिया है और विधायकाओं में उनकी संख्या बढ़ी है। मोहंती ने कहा कि तीन तलाक से महिलाओं में हमेशा भय का माहौल बना रहता है, लेकिन यह बिल महिलाओं को वह बराबरी दिलाएगा जो उन्हें संविधान के तहत मिली हुई है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों ने तक तीन तलाक को खारिज कर दिया है तो हम इसे अपने यहां क्यों लागू किए हुए हैं।
आजम खान के बयान पर हंगामा –
लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान सपा सांसद आजम खान ने चेयर पर बैठीं रमा देवी के बारे में कुछ टिप्पणी की। उनके इस बयान पर रविशंकर प्रसाद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सदस्य को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। आजम ने कहा कि वह मेरी बहन जैसी हैं, माफी किसी बात की मांगनी चाहिए। बीजेपी के सांसद आजम के बयान पर हंगामा कर रहे हैं। अब ओम बिड़ला आसन पर आज चुके हैं और उन्होंने हंगामा शांत करने की अपील की।
माफी मांगे आजम खान: रविशंकर

लोकसभा में रविशंकर प्रसाद ने आजम के बयान पर कहा कि किसी सदस्य ने चेयर के खिलाफ ऐसे शब्दों को प्रयोग नहीं किया है, उनको माफी मांगनी चाहिए। टीएमसी के सांसद सौगत राय ने कहा कि सदस्य सिर्फ बिल के बारे में बोल रहे थे, तब सत्ताधारी पक्ष से हल्ला होने लगा। इस पर आसन से ओर से बोला गया कि इधर देखकर बोलिए। सौगत राय ने कहा कि सदस्य में मुस्लिम सदस्यों के बोलने पर सत्ताधारी दल के लोग हल्ला करेंगे तो कैसे चलेगा। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि आजम खान का भाव और शब्द अच्छे नहीं है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
स्पीकर ने अखिलेश से की माफी की मांग-
लोकसभा में सपा के अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खान के शब्द या भावना में कुछ गलत नहीं है, आसन के बारे में कोई गलत बात नहीं की गई है। अखिलेश ने सत्तापक्ष के लोगों की आलोचना करते हुए कहा कि यह किसी को सदन में बोलने नहीं दे रहे हैं। स्पीकर ओम बिड़ला ने अखिलेश से कहा कि आप अपने शब्दों के लिए माफी मांगे, आपके शब्द असंसदीय हैं। अखिलेश ने कहा कि अगर आजम खान के शब्द असंसदीय हैं तो आप रिकॉर्ड से निकाल दीजिए। स्पीकर ने कहा कि कोई मंत्री भी ऐसा बोलता तब भी मेरा यही रवैया रहता और किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकता।
गलत कहा हो तो अभी दूंगा इस्तीफा: आजम
लोकसभा में आजम खान ने कहा कि मैंने तो प्यारी बहन कहा था। उन्होंने कहा कि मैं किसी के बारे में कुछ गलत नहीं है, आप रिकॉर्ड चेक कर लीजिए, अगर कोई शब्द गलत कहा हो तो अभी सदन से इस्तीफा देने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मेरा लंबा संसदीय अनुभव रहा है और यह कहते हुए आजम ने कहा कि ऐसे अपमानित होकर बोलने से कोई फायदा नहीं है और वह सदन से बाहर चले गए। बीजेपी सांसद उनके बोलने पर हंगामा कर रहे थे।
बोलते वक्त रखें संसदीय गरिमा का ध्यान: ओम बिड़ला
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर कोई अल्पसंख्यक सदस्य नाराज होकर चला जाए तो यह सदन के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष को अधीर नहीं होना चाहिए और सहनशील रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के पास 353 सदस्य है और उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बनती है। स्पीकर ने कहा कि कुछ ऐसा न बोलें जिसे कार्यवाही से हटाना पड़े, क्योंकि वह बात जनता के बीच चली जाती है। उन्होंने कहा कि संसद की गरिमा के मुताबिल बोलना चाहिए जिसे कार्यवाही से हटाने की जरूरत ही न पड़े।
लोकसभा में तीन तलाक बिल पर बीजेपी सांसद किरण खेर ने कहा कि किसी भी धर्म में महिला को पूरे संवैधानिक अधिकार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तलाक के बाद कोई उस महिला से शादी नहीं करना चाहता, उसके बच्चों का क्या होगा। उन्होंने कहा कि देश की एक महिला भी दुखी है तो संसद को उसकी रक्षा करनी चाहिए. खेर ने कहा कि तलाक के बाद पुरुष तो तुरंत किसी जवान बीवी से शादी कर लेते हैं, परिवारों में दिक्कतें आती हैं, उसके घरवाले भी महिला को स्वीकार नहीं करते, तभी यह महिलाएं सुप्रीम कोर्ट गई थीं।
सरकार कांग्रेस को बदनाम कर रही है: गौरव गोगोई-
कांग्रेस के गौरव गोगोई ने बिल पर बोलते हुए कहा कि बिल के नाम पर सरकार कांग्रेस को बदनाम कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हमारी पार्टी ने उसका स्वागत सबसे पहले किया था। कोर्ट की ओर कही गई हर बात को हमारी पार्टी मानती है और उसके पक्ष में खड़े हैं। गोगोई ने कहा कि कोर्ट के फैसले में कहीं यह नहीं लिखा कि इसे अपराध घोषित किया जाए। यह लिखा नहीं है लेकिन आप इसे लेकर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि हाई का एक फैसला है कि तलाक ए बिद्दत से पहले फिर से विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल से मुस्लिम पुरुषों को निशाना बनाकर उन्हें सजा दिलाना चाहती है। सरकार हिन्दू महिलाओं के लिए, पारसी महिलाओं के लिए, उनके पक्ष में कानून क्यों नहीं ला रही है।
लोकसभा में तीन तलाक बिल पर बीजेपी सांसद किरण खेर ने कहा कि किसी भी धर्म में महिला को पूरे संवैधानिक अधिकार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तलाक के बाद कोई उस महिला से शादी नहीं करना चाहता, उसके बच्चों का क्या होगा। उन्होंने कहा कि देश की एक महिला भी दुखी है तो संसद को उसकी रक्षा करनी चाहिए। खेर ने कहा कि तलाक के बाद पुरुष तो तुरंत किसी जवान बीवी से शादी कर लेते हैं, परिवारों में दिक्कतें आती हैं, उसके घरवाले भी महिला को स्वीकार नहीं करते, तभी यह महिलाएं सुप्रीम कोर्ट गई थीं।
सरकार कांग्रेस को बदनाम कर रही है: गौरव गोगोई
कांग्रेस के गौरव गोगोई ने बिल पर बोलते हुए कहा कि बिल के नाम पर सरकार कांग्रेस को बदनाम कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हमारी पार्टी ने उसका स्वागत सबसे पहले किया था। कोर्ट की ओर कही गई हर बात को हमारी पार्टी मानती है और उसके पक्ष में खड़े हैं। गोगोई ने कहा कि कोर्ट के फैसले में कहीं यह नहीं लिखा कि इसे अपराध घोषित किया जाए। यह लिखा नहीं है लेकिन आप इसे लेकर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि हाई का एक फैसला है कि तलाक ए बिद्दत से पहले फिर से विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल से मुस्लिम पुरुषों को निशाना बनाकर उन्हें सजा दिलाना चाहती है। सरकार हिन्दू महिलाओं के लिए, पारसी महिलाओं के लिए, उनके पक्ष में कानून क्यों नहीं ला रही है।ट
मुस्लिम औरतों पर जुल्म कर रही है सरकार: ओवैसी
लोकसभा में बिल पर बोलते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल संविधान के खिलाफ है.।तीन तलाक को अपराध बना दिया है, कोर्ट ने समलैंगिकता को गैर अपराधिक बना दिया है, ऐसे में आप तीन तलाक को अपराध बनाकर नया हिन्दुस्तान बनाने जा रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक अगर गलती से कहा जाए तो शादी नहीं टूटती और सुप्रीम कोर्ट भी यह कह चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार इस कानून के जरिए मुस्लिम औरतों पर जुल्म कर रही है।
इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट: ओवैसी
लोकसभा में ओवैसी ने कहा कि पति की गिरफ्तारी के बाद क्या कोई शौहर पत्नी को मुआवजा दे पाएगा, पति जेल में बैठा रहे और औरत तीन साल तक उसका इंतजार करती रहे, शादी से निकलने का हक उस औरत को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेल देने का अधिकार कोर्ट को है लेकिन हत्या में भी पीड़ित को नहीं सुना जाता है। ओवैसी ने कहा कि सरकार शादी को खत्म कर रही है, औरत को सड़क पर ला रही है, शौहर को जेल में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक तलाक नहीं होता तो किस बात की सजा दे रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों को तहजीब से दूर करने के लिए यह बिल लाया गया है साथ ही उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी जनम-जनम का साथ नहीं है, यह एक कॉन्ट्रैक्ट है। जिदंगी की हद तक है और हम उसमें खुश हैं। सबको तकलीफ मालूम हैं जिनकी शादी हो चुकी है और तभी सब हंस रहे हैं।
तलाक के नाम पर हो रहा मजाक: पूनम महाजन
लोकसभा में बीजेपी सांसद पूनम महाजन ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री महिलाओं के सशक्त बनाने के लिए यह बिल लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक विचारों में समय के साथ बदलाव लाना चाहिए और हिन्दू धर्म में ऐसे कई बदलाव किए गए हैं। पूनम ने कहा कि कानून ने बुरा न सहने के बारे में भी सिखाया है, ऐसे में महिलाओं को तीन तलाक पर बधाई कैसे दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों पर तलाक देने के मामले सामने आए हैं, आज तलाक को मजाक बना दिया गया है और इसे रोकना जरूरी हो गया है। महाजन ने सरकार से पिछले पेंडिंग मामलों को भी इस कानून के अंतर्गत लाने की मांग की।

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