15वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 15वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया. इसके बाद पीएम मोदी अपने मॉरीशस के समकक्ष प्रविंद जगन्नाथ से बातचीत करेंगे. इससे पहले सोमवार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया.

PM Shri Narendra Modi inaugurates 15th Pravasi Bharatiya Divas Convention in Varanasi, UP

PM Shri Narendra Modi inaugurates 15th Pravasi Bharatiya Divas Convention in Varanasi, UP

Posted by Rajsatta Express on Monday, January 21, 2019

UPDATES:

आप सभी के सहयोग से बीते साढ़े चार वर्ष में भारत ने दुनिया में अपना स्वभाविक स्थान पाने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया की तेज़ी से बढ़ती आर्थिक ताकत है और खेल जगत में भी हम बड़ी शक्ति बनने की तरफ निकल पड़े हैं

देश में लूट होती रही और कांग्रेस सरकार देखती रही -पीएम मोदी

मुख्य अतिथि मॉरीशस के पीएम

सोमवार दोपहर मॉरीशस के पीएम प्रविंद जगन्नाथ वारणसी पहुंचे थे, जहां उनकी अगवानी विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने की. वहीं इसके बाद सुषमा स्वराज ने पीएम जगन्नाथ से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ करने समेत विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. वहीं पीएमओ के एक बयान के अनुसार इस साल के प्रवासी भारतीय दिवस का विषय ‘नये भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की भूमिका है.’ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ होंगे. वहीं विशिष्ट अतिथ के तौर पर नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी और न्यूजीलैंड के सांसद कंवलजीत सिंह बख्शी शिरकत करेंगे.

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अटल बिहारी ने की थी शुरूआत

वैसे तो आमतौर पर ये सम्मेलन 9 जनवरी से शुरू होता है, लेकिन इस बार इस सम्मेलन का आयोजन गणतंत्र दिवस से पहले किया जा रहा है. दरअसल, इसके पीछे वजह ये है कि सम्मेलन के बाद प्रतिभागियों को 24 जनवरी को कुंभ मेले के लिए प्रयागराज जाने और 26 जनवरी को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड का साक्षी होने का अवसर दिया जाएगा. वहीं प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का फैसला तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में किया था. उस साल पहला कार्यक्रम 9 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुआ था. दरअसल, 9 जनवरी को इस कार्यक्रम के लिए इसलिए चुना गया था क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे.

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