‘रामविलास पासवान मौसम वैज्ञानिक हैं, राजनीति की हवा की गर्मी और नमी जानते हैं’ ये बात आरजेडी (rjd) संस्थापक लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) कई बार कह चुके हैं। लेकिन अब जबकि रामविलास अपनी पार्टी की कमान बेटे चिराग पासवान (chirag paswan) को सौंपने की तैयारी कर चुके हैं। कार्यकारिणी की बैठक में ऐलानिया तौर पर कह चुके हैं, कि जो फैसला चिराग लेगें वो मान्य होगा। पासवान ने तो यहां तक कह दिया था कि चिराग मुझे भी निर्देश दे सकते हैं।
बेटे चिराग पर पासवान के कॉन्फिडेंस का नतीजा ही है। जो बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर चिराग खुद गठबंधन में अपने लिए ज्यादा से ज्यादा सीटें पाने की कोशिश के साथ दबाव बनाने में लग गए हैं। जबकि अभी तक रामविलास पासवान का कोई बयान गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर नहीं आया है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि क्या चिराग पासवान पिता की तरह मौसम वैज्ञानिक हो गए हैं।
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चिराग के कहने पर एनडीए में गए थे पासवान
ऐसा इसलिए भी क्योंकि 2009 में जब यूपीए के साथ मिलकर रामविलास पासवान ने चुनाव लड़ा था। तो पार्टी के साथ खुद भी हांसिए पर चले गए थे। पार्टी एक भी लोकसभा सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाई थी। रामविलास खुद भी चुनाव हार गए थे। लेकिन 2014 में रामविलास पासवान एनडीए के साथ आ गए। जबकि सांप्रदायिकता के मुद्दे को लेकर एनडीए में शामिल होने से वो हमेशा बचते रहे। लेकिन बेटे चिराग के फैसले को मानते हुए एनडीए में शामिल हो गए। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें 7 सीटें दीं। जिसमें वो 6 जीतने में कामयाब रहे। साथ ही बेटे और भाई को भी सांसद बनाने में कामयाब रहे।
चिराग ने बदले सियासी सुर
पर अब फिर एक बार चुनावी घटा छाई है। चिराग पासवान के पास पार्टी की कमान है। तो उन्होंने अपना राजनीतिक कम्पास चलाना शुरु कर दिया है। सुबह चिराग पासवान ने कहा कि हम एनडीए के साथ है। वहीं शाम को लगातार दो ट्वीट करके अपने इरादे दिखाने शुरु कर दिए।
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सुरक्षित सीटें चाहते हैं पासवान
चिराग के ट्वीट के पीछे की वजह ये है, कि बीजेपी और जदयू ने बिहार में सीटों के बंटवारे पर बात बन गई है। माना जा रहा है कि दोनों पार्टियां बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लडेंगी। बिहार में चालीस सीटें हैं, जिनमें छह सुरक्षित सीटें हैं। लोजपा ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित सीटें चाहती है। जिसमें पेंच नीतीश कुमार की मांग के बाद फंस गया है। क्योंकि लोजपा के कोटे की एक सीट पर वो जदयू अपना प्रत्याशी उतारना चाहती है।
ट्वीट कर बीजेपी को चेताया
अब जबकि चुनाव की तारीखों में कुछ ही दिन का वक्त बचा है। ऐसे में चिराग ने माहौल बनाना शुरु कर दिया है। बिहार में पहले उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी को बाय-बाय कह दिया। वहीं कांग्रेस की जीत के साथ समीकरण की बदलती सूरत में चिराग ने भी बीजेपी से अभी से सब क्लियर करके चलना चाहते हैं। पहले ट्वीट में चिराग ने कहा कि गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है। इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है।
गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है।इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है।
— Chirag Paswan (@ichiragpaswan) December 18, 2018
टी॰डी॰पी॰ व रालोसपा के एन॰डी॰ए॰ गठबंधन से जाने के बाद एन॰डी॰ए॰ गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है।ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथीयों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करें।
— Chirag Paswan (@ichiragpaswan) December 18, 2018
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राहुल गांधी की तारीफ की
इस ट्वीट के कुछ देर बाद ही मीडिया से बात करते हुए, चिराग पासवान से राहुल गांधी की तारीफ करने में भी कोई कोताही नहीं बरती। चिराग ने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है। तीन राज्यों में सरकार बनाने का श्रेय उनको जाता है। वहीं जब चिराग के ट्वीट के बारे में उनके पिता रामविलास पासवान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘ये डिपार्टमेंट चिराग का है उन्हीं से पूछिए’ यानी साफ है कि रामविलास पासवान ने चिराग पासवान को गठबंधन करने न करने की पूरी छूट दे रखी है।
चुनावी मौसम को भाप रहे हैं चिराग
ऐसे में जबकी बिहार में उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से बाहर है। वहीं तीन राज्यों में मात खाई बीजेपी का समीकरण बिगड़ा है। ऐसे में जूनियर मौसम वैज्ञानिक ने हाथ से मिट्टी छोड़कर रुख देखनी शुरु कर दी है। अब देखना है कि नए मौसम वैज्ञानिक का अनुमान कितना सटीक बैठता है।