विवेक मर्डर केस: डीजीपी का आदेश बेअसर, सिपाहियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, आरोपियों के समर्थन में उतरे

लखनऊ: विवेक तिवारी केस के मुख्य आरोपी प्रशांत चौधरी पर कार्रवाई के विरोध में यूपी पुलिस में बगावती सुर उठ रहे हैं. डीजीपी की सख्त चेतावनी के बावजूद सिपाहियों ने काला दिवस मनाया. हाथ में काली पट्टी बांधकर कई पुलिसकर्मियों ने एसएसपी ऑफिस में प्रदर्शन किया. सिपाहियों ने धमकी दी है कि अगर प्रशांत चौधरी के खिलाफ केस वापस नहीं लिया गया तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इससे पहले गुरुवार को फेसबुक पर आपत्तिजनक वीडियो डालने वाले एटा के कॉन्स्टेबल सर्वेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया था.

सिपाहियों ने बांधी काली पट्टी

सर्वेश पर कार्रवाई के आदेश के बाद डीजीपी के निर्देश पर राज्य के तमाम आला अधिकारी हर जिले में सिपाहियों से बात कर रहे थे. सिपाहियों को समझाने की कोशिश की जा रही थी लेकिन शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के गुडम्बा, नाका, अलीगंज समेत एसएसपी ऑफिस तक में कई सिपाही बांह पर काली पट्टी बांधे दिखाई दिए. लखनऊ के अलावा कई अन्य जिलों में भी ऐसा ही विरोध प्रदर्शन होने की खबर है.

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आरोपी से मुकदमा वापस लेने की मांग

रक्षक कल्याण ट्रस्ट द्वारा संचालित पुलिस सिपाहियों के संगठन अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन ने 5 अक्टूबर को काला दिवस मनाने की घोषणा की थी. एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आरोपियों पर से मुकदमे हटाने की मांग की थी. एसोसिएशन ने धमकी दी थी कि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. इस विरोध प्रदर्शन को लेकर फेसबुक, व्हाट्सएप पर पोस्ट साझा की गईं. काला दिवस के लिए ‘खाकी के सम्मान में, उत्तर पुलिस मैदान में’ स्लोगन बनाकर प्रचारित किया गया. पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन ने आरोपी पुलिसवालों के पक्ष में सूबे के सीएम आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि जो पुलिस कर्मचारी या अधिकारी ड्यूटी निभाते वक्त मारे गए हैं, उन्हें भी विवेक तिवारी के परिवार की तरह 40-40 लाख रुपये दिए जाएं.

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डीजीपी को चुनौती देने वाले सिपाही पर कार्रवाई

इससे पहले आरोपी सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर डीजीपी ओपी सिंह को चुनौती देने वाले सिपाही सर्वेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया. वह एटा जिले में कार्यरत था. विवेक तिवारी केस में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सिपाहियों को आरोपी के रूप में पेश किए जाने को लेकर सर्वेश ने नाराजगी जाहिर की थी. उसने डीजीपी ओपी सिंह को चुनौती देने वाला एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था. वीडियो में सभी आरोप लगाया गया है कि वरिष्ठ अधिकारी मिलकर सिपाही प्रशांत चौधरी को इस मामले में फंसा रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद सर्वेश के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है. साथ ही सोशल मीडिया पर आक्रोश पैदा करने वाले अभियान में शामिल सिपाहियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं.

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