सभी जानते हैं कि हर माह में पूर्णिमा और एकादशी का दिन आता है। जिस दिन हम अपनी इच्छापूर्ति के लिए उपाय और प्रयास करते हैं। हर साल माघ पूर्णिमा आती है। जिस दिन सभी गंगा स्नान और दान का महत्व होता है। इस बारे यह पूर्णिमा 19 फरवरी को मनाई जाएगी जो मंगलवार के दिन 01:11 बजे से शुरु होकर 21:23 बजे तक रहेगा।
बता दें कि पुष्य नक्षत्र पर इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। माघ पूर्णिमा पर दान और स्नान को बहुत महत्व दिया जाता है और कहते है इस दिन माघ पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान करना शुभ माना जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन तिल और कंबल का दान करने से नरक लोक से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी कथाएं-
पौराणिक कथाएं-
कथानुसार एक बार नर्मदा नदी के तट पर शुभव्रत नामक विद्वान ब्राह्मण रहते थे, जो बहुत लालसी किस्म के थे। ये धन कमाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे। जिसके कारण ये समय से पहले ही वृद्ध दिखने लगे और बीमारियों के शिकार हो गए।
तभी उन्हें अंर्तज्ञान हुआ कि उन्होंने पूरा जीवन तो धन कमाने में बीता दिया, अब जीवन का उद्धार कैसे होगा।
जिसके बाद उन्हे माघ माह में गंगा स्नान करने के महत्व वाला श्लोक याद आ गया। जिसके बाद ब्राह्मण ने स्नान करने का सोचा और नर्मदा नदी में स्नान करने लगे। क9 दिनों तक स्नान करने के बाद ब्राह्मण की तबियत खराब हो गई और मृत्यु के बहुत करीब आ गए। उन्होने सोचा कि जीवन में कभी कोई अच्छा काम ना करने की वजह से नरक भोगना पड़ेगा। जिसके लिए उन्होने माघ मास में स्नान कर मोक्ष की प्राप्त किया।
कहते हैं कि माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके बाद व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें।